कोरोना काल में छत्तीसगढ़ लौटे 6.81 लाख लोगों ने ग्राम पंचायतों में बनाए गए सेंटरों में पूरी की क्वारेंटाइन अवधि : प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रदेश भर में बनाए गए थे साढ़े 21 हजार से अधिक क्वारेंटाइन सेंटर
आवास एवं भोजन सहित सभी बुनियादी सुविधाएं कराई गई थीं मुहैया, कोरोना के संभावित मरीजों की तत्काल जांच करवाई गईं
कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने में इन क्वारेंटाइन सेंटरों से मिली बड़ी मदद
रायपुर 19 अक्टूबर 2020:– देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए ग्राम पंचायतों में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटरों से कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने में बड़ी सहायता मिली है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से इसके लिए प्रदेश भर में 21 हजार 580 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए थे। कोरोना काल में प्रदेश लौटे छह लाख 80 हजार 665 लोग इन सेंटरों में सफलतापूर्वक क्वारेंटाइन अवधि पूरी कर अपने घर पहुंच चुके हैं। इन लोगों ने खुद के एवं अन्य ग्रामीणों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की दृष्टि से क्वारेंटाइन अवधि पूर्ण करने के बाद अगले दस दिनों तक होम-क्वारेंटाइन में रहने के निर्देशों का भी गंभीरता से पालन किया है।
गांवों में स्थापित क्वारेंटाइन सेंटरों का संचालन एवं नियंत्रण संबंधित जिला प्रशासन द्वारा किया गया। इनके संचालन में ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों और जिला पंचायतों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। ग्राम पंचायतों में स्थापित क्वारेंटाइन सेंटरों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को आवास और भोजन सहित सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई गई थीं। अस्थायी शौचालयों, पुरूषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग स्नानगृहों, स्वच्छ पेयजल, लाइट एवं पंखों की भी वहां व्यवस्था की गई थी। लोगों के मनोरंजन के लिए टेलीविजन एवं रेडियो के इंतजाम के साथ अनेक रचनात्मक गतिविधियां भी वहां संचालित की जा रही थीं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने योग और प्राणायाम का भी अभ्यास कराया गया। वृक्षारोपण, पेंटिंग, खेलकूद, पठन-पाठन जैसी गतिविधियों के माध्यम से भी उनकी मानसिक सेहत का ध्यान रखा गया।
क्वारेंटाइन सेंटरों में बेहतर साफ-सफाई के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के दिशा-निर्देशों के पालन पर भी जोर दिया गया था। बार-बार हाथ धोने के लिए साबुन और पानी के साथ ही हैंड-सेनिटाइजर भी उपलब्ध कराया गया था। मुंह ढंकने के लिए मास्क एवं गमछा भी दिया गया। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के मिलने जैसी आपात स्थिति के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रत्येक सेंटर में एक कमरा पृथक से आइसोलेशन के लिए सुरक्षित रखा गया था। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से क्वारेंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी की गई। अस्वस्थ लोगों को इलाज और दवाईयां भी मुहैया कराई गईं। संक्रमण की संभावना और लक्षण वाले व्यक्तियों के तत्काल सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर विभाग द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए मनरेगा के तहत जॉब-कार्ड बनाकर रोजगार दिए जाने के साथ ही उन्हें अन्य योजनाओं के माध्यम से भी रोजगार उपलब्ध कराने त्वरित कदम उठाए गए हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा मजदूरों की स्किल-मैपिंग कर औद्योगिक, भवन निर्माण और अन्य क्षेत्रों में उन्हें काम दिलाने के लिए भी गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।