नीतीश कुमार रेड्डी की चोट के चलते शिवम दुबे को मिली टी20 सीरीज में वापसी का सुनहरा अवसर

भारतीय क्रिकेट में एक बार फिर चोटिल खिलाड़ियों का सिलसिला जारी है, और इस बार निशाना बने हैं ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी। नीतीश, जो भारतीय टीम का हिस्सा थे, इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टी20 सीरीज के दौरान चोटिल हो गए हैं। उन्हें चार सप्ताह तक आराम करने की सलाह दी गई है, जिससे वे शेष सीरीज से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह टीम में ऑलराउंडर शिवम दुबे को शामिल किया गया है, जो अगले मुकाबलों के लिए भारतीय टीम के साथ जुड़ेंगे।

नीतीश की अनुपस्थिति और आईपीएल में वापसी की उम्मीदें

नीतीश का सीरीज से बाहर होना न केवल भारतीय टीम के लिए नुकसानदायक है, बल्कि उनके आईपीएल 2025 अभियान के लिए भी बड़ा प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, इस खबर के बाद यह संभावना बढ़ गई है कि वे सनराइजर्स हैदराबाद के लिए आगामी आईपीएल में खेलते नजर आएंगे। इस बीच, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन बोर्ड के करीबी सूत्रों का कहना है कि नीतीश की स्थिति को लेकर खासा सतर्क रहने की आवश्यकता है। इससे पहले भी जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 सीरीज के दौरान नीतीश चोटिल हुए थे, और तब भी उनकी जगह शिवम दुबे को टीम में शामिल किया गया था।

शिवम दुबे की वापसी

शिवम दुबे, जिन्होंने पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ भारत के लिए अंतिम टी20 मैच खेला था, अब चोट से उबरने के बाद टीम में लौट रहे हैं। उनकी वापसी पर निगाहें इसलिए भी हैं क्योंकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते हुए खुद को टीम इंडिया में शामिल होने के लिए एक मजबूत विकल्प बनाया। हाल ही में दुबे ने मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम के लिए खेला, हालांकि उनकी टीम को जम्मू-कश्मीर के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।

शिवम दुबे ने भारत के लिए अब तक 33 टी20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने करीब 135 की स्ट्राइक रेट से 448 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने 11 विकेट लेकर अपनी उपयोगिता साबित की है। राजकोट में 28 जनवरी को होने वाले तीसरे टी20 से पहले शिवम भारतीय टीम में शामिल हो सकते हैं और अपने अनुभव का उपयोग करते हुए टीम की जरूरतों को पूरा करेंगे।

दुबे और नीतीश के खेल में अंतर

दुबे और नीतीश दोनों ही ऑलराउंडर हैं, लेकिन उनका खेल और अनुभव अलग-अलग है। शिवम दुबे एक ताबड़तोड़ बल्लेबाज हैं, जबकि नीतीश गेंदबाजी में अधिक स्थिरता और विविधता लेकर आते हैं। दुबे की गेंदबाजी उनके लिए एक अतिरिक्त गुण है, लेकिन उन्हें अपनी फिटनेस और निरंतरता पर काम करना होगा।

भविष्य पर नज़र

नीतीश की अनुपस्थिति टीम के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन यह शिवम दुबे के लिए अपनी उपयोगिता साबित करने का एक सुनहरा मौका भी है। वहीं, भारतीय टीम प्रबंधन और बीसीसीआई को खिलाड़ियों की चोटों से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीति पर काम करने की आवश्यकता होगी। इस सीरीज का परिणाम और दुबे का प्रदर्शन तय करेगा कि आने वाले समय में टीम के लिए उनके विकल्प कितने कारगर साबित हो सकते हैं।