रायपुर। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि राजस्थान से सामाजिक बहिष्कार का एक मामला आया है। इसमें एक परिवार को अपनी नाबालिग बेटी की शादी के कारण समाज से न केवल बहिष्कृत कर दिया गया,बल्कि उस परिवार से 55 लाख रुपए की मांग की गई है। इससे उक्त परिवार के सदस्य परेशान हो गए हैं। किसी भी व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार अनुचित और अमानवीय है।राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इस मामले में कार्यवाही की मांग की है। राजस्थान सरकार से सामाजिक बहिष्कार के संबंध में सक्षम कानून बनाने की मांग की गई है।
डॉ .दिनेश मिश्र ने बताया कि सामाजिक बहिष्कार कर हुक्का पानी बंद करने का एक और बड़ा मामला सामने आया है। इसमें ग्राम सुथाना, सांचोर जिला जालोर राजस्थान के वसन्त पुरोहित एवं उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया।
जानकारी मिली है कि उक्त परिवार अपनी 15 वर्षीया बेटी उर्मिला को पढ़ाना चाहता है और बेटी भी शिक्षा ग्रहण करना चाहती है। जाति पंचायत के कुछ सदस्य समाज की परंपरा का हवाला देते हुए उसकी कम उम्र में ही शादी करने का फरमान सुनाया और उर्मिला की शादी न करने पर उस परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। 55 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। उनका हुक्का पानी बंद कर अनेक पाबंदियां लगा दी गई है। इससे उनसे कोई बात भी नहीं करता व उन्हें सामाजिक कार्यकलापों से भी वंचित कर दिया गया है।
बहिष्कृत परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनसे दबाव बना कर 55 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। उन्होंने पुलिस में शिकायत भी की है पर कार्रवाई न होने से सामाजिक पंचों के हौसले बुलंद हैं, उक्त परिवार कमजोर आर्थिक परिस्थिति के हैं और बार बार इस प्रकार की प्रताड़ना होने से गांव में अपमानित और असुरक्षित महसूस कर रहा है।
डॉ.मिश्र ने कहा कि देश का संविधान हर व्यक्ति को समानता का अधिकार देता है। सामाजिक बहिष्कार करना, हुक्का पानी बंद करना एक सामाजिक अपराध है। यह किसी भी व्यक्ति के संवैधानिक और मानवाधिकारों का हनन है ,प्रशासन को इस मामले पर कार्रवाई कर पीड़ितों को न्याय दिलाने की आवश्यकता है। साथ ही सरकार को सामाजिक बहिष्कार के संबंध में एक सक्षम कानून बनाना चाहिए। ताकि किसी भी निर्दोष को ऐसी प्रताड़ना से गुजरना न पड़े। किसी भी व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक रूप से प्रताड़ना देना,उस का समाज से बहिष्कार करना अनैतिक और गंभीर अपराध है। डॉ. मिश्र ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है। शासन से अपेक्षा है सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ सक्षम कानून बनाने की पहल करें ताकि हजारों बहिष्कृत परिवारों को न केवल न्याय मिल सके,बल्कि वे समाज में सम्मानजनक ढंग से रह सकें।
डॉ. दिनेश मिश्र ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र,सामाजिक बहिष्कार के मामले में कार्रवाई की मांग
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