रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। वर्मा ने कहा है कि भूपेश बघेल सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक “डॉ. बीआर अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन“ के निर्माण की प्रक्रिया नगरीय निकाय प्रशासन के की ओर से प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र में चल रही है। इसके खिलाफ प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या. की ओर से बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर आपत्ति जताई गई थी। उक्त याचिका में प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित की ओर से उच्च न्यायालय से भवन के निर्माण पर स्थगन प्राप्त कर लिया गया था। नगर पालिक निगम रायपुर के तरफ से अधिवक्ता संदीप दुबे ने जवाब प्रस्तुत कर स्थगन हटाने की मांग की। उक्त प्रकरण की अंतिम सुनवाई माननीय न्यायमूर्ति आरसीएस सामंत के बेंच में हुई।
नगर पालिक निगम के अधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया गया कि “डॉ. बी. आर. अंबेडकर सर्व समाज मांगलिक भवन’’ का निर्माण पूरे प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में जनहित के लिए हो रहा है, जिसका उपयोग प्रत्येक वर्ग के लोग कर सकेंगे। भवन का निर्माण विधिवत तरीके से रायपुर विकास प्राधिकरण की भूमि पर हो रहा है।
योजना के समर्थन में पक्ष रखते हुए अधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित को इस संदर्भ में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, यह निर्माण जनहित के लिए हो रहा है। ’डॉ. बीआर अंबेडकर सर्व समाज मांगलिक भवन का निर्माण पूरे नियम के अनुसार किया जा रहा है, प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के पास बीस-बीस हजार वर्गफुट के दो उद्यान है इसके बावजूद तथ्यों को छुपाते हुए आपत्ति की गई थी।
उक्त याचिका को आदेश के लिए सुरक्षित रखा गया था। इसमें 23 मार्च को न्यायमूर्ति आरसीएस सामंत ने आदेश करते हुए यह कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा “डॉ. बी आर अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन का बनाया जाना जनहित में है और जनहित के कार्यों पर किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए।
डॉ. बीआर अंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन के निर्माण का रास्ता साफ, उच्च न्यायालय ने खारिज की याचिका
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