कल ओडिशा में सुभद्रा योजना की पहली किस्त का वितरण: अन्य राज्यों की योजनाओं पर एक नजर
ओडिसा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ओडिशा में “सुभद्रा योजना” की शुरुआत की, जिसमें पंजीकृत पात्र लाभार्थियों के खातों में 5,000 रुपये की पहली किस्त जमा की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ भुवनेश्वर में प्रमुख कार्यक्रमों में से एक होगा, जहां प्रधानमंत्री 3,800 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे महिलाओं के सशक्तिकरण और वादों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
सुभद्रा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है और इसकी कोई अंतिम तिथि नहीं है। योजना के तहत 1 रुपये का परीक्षण लेनदेन सफलतापूर्वक किया गया है। योजना के लाभार्थियों की कुल संख्या 60 लाख से अधिक हो चुकी है, और 15 सितंबर या उससे पहले पंजीकरण कराने वाली महिलाओं को 17 सितंबर को 5,000 रुपये की पहली किस्त मिल जाएगी। इस योजना का उद्देश्य 21 से 60 वर्ष की आयु की 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभ पहुंचाना है, जिन्हें वित्तीय वर्ष 2024-25 से सालाना 10,000 रुपये प्राप्त होंगे, जो दो बराबर किस्तों में उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में जमा किए जाएंगे। पांच साल की अवधि में प्रत्येक महिला को कुल 50,000 रुपये मिलेंगे।
सुभद्रा योजना भारत भर में महिला-केंद्रित योजनाओं की बढ़ती सूची में शामिल हो जाएगी। इसके साथ ही, अन्य राज्यों में भी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए समान योजनाएं लागू की गई हैं:
लाडली बहना योजना (मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश सरकार ने 28 जनवरी, 2023 को “मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना” शुरू की। इस योजना के तहत, प्रत्येक पात्र महिला को प्रति माह 1,250 रुपये (पहले 1,000 रुपये) की राशि उसके आधार से जुड़े डीबीटी सक्षम बैंक खाते में जमा की जाएगी। इसका मतलब है कि 21 से 60 वर्ष की आयु की पात्र महिलाओं को सालाना 15,000 रुपये प्राप्त होंगे। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता में सुधार और उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना है।
मुख्यमंत्री लड़की बहन (महाराष्ट्र)
रक्षा बंधन के मौके पर, महाराष्ट्र सरकार ने 17 अगस्त को अपनी प्रमुख योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत राज्य में आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि की एक करोड़ से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता के रूप में प्रति माह 1,500 रुपये प्रदान किए जाएंगे। यह योजना राज्य के अनुपूरक बजट का हिस्सा है और इसके कार्यान्वयन से राज्य के खजाने पर सालाना 46,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
इन योजनाओं के माध्यम से, सरकारें महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी जीवनशैली में सुधार करने का प्रयास कर रही हैं।