दिमुथ करुणारत्ने का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास: श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज ने 100वें टेस्ट के बाद अलविदा लेने की घोषणा की
गॉल: श्रीलंका के पूर्व कप्तान और टेस्ट क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज दिमुथ करुणारत्ने ने अपने 100वें टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया है। करुणारत्ने ने यह निर्णय अपने करियर के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर लिया है, जबकि वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट में खेलने जा रहे हैं, जो उनका अंतिम मैच होगा। 36 वर्षीय करुणारत्ने ने अपने करियर के दौरान 7172 टेस्ट रन बनाए, जिसमें 16 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने 50 वनडे मैच खेले और उनमें 1316 रन बनाये, जिसमें एक शतक और 11 अर्धशतक थे।
करुणारत्ने का टेस्ट करियर बेहद प्रभावशाली रहा है, और उन्होंने खुद को श्रीलंका क्रिकेट का एक अहम हिस्सा बना लिया था। उनका यह फैसला एक ऐसे समय में आया है, जब उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने का कारण भी स्पष्ट किया है। उनका कहना था कि टेस्ट क्रिकेट में अपनी फॉर्म बनाए रखना और एक साल में चार टेस्ट खेलने के बाद खुद को प्रेरित रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के बाद से द्विपक्षीय सीरीज कम हो गई हैं, जो उनके संन्यास के फैसले में एक अहम कारण बनीं।
करुणारत्ने ने यह भी कहा कि उन्होंने एंजेलो मैथ्यूज और दिनेश चांडीमल जैसे अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों से सलाह ली, और उनके साथ एक-एक करके संन्यास लेने का निर्णय लिया। उनका मानना था कि यदि वे तीनों एक साथ संन्यास लेते तो बेहतर होता, लेकिन चूंकि कम टेस्ट खेलने के कारण वह 10000 रन तक नहीं पहुंच सकते थे, इसीलिए उन्होंने अपने संन्यास की योजना बनाई।
पहले टेस्ट में करुणारत्ने का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा था। वह 7 रन पर आउट हो गए थे, और श्रीलंका को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक पारी और 242 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के साथ श्रीलंका दो मैचों की सीरीज में 0-1 से पीछे चल रहा है। बावजूद इसके, करुणारत्ने ने हमेशा खुद को एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में साबित किया है और उनका योगदान श्रीलंका क्रिकेट के लिए अनमोल रहा है।
करुणारत्ने ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए यह भी कहा कि किसी भी क्रिकेटर का सपना 100 टेस्ट खेलना और 10000 रन बनाना होता है, और वह इस उपलब्धि को हासिल करने पर गर्व महसूस करते हैं। उनके अनुसार, जब एक क्रिकेटर खेलना शुरू करता है तो वह इन लक्ष्यों के बारे में नहीं सोचता, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, नए लक्ष्यों का सामना करना पड़ता है। 100 टेस्ट खेलकर संन्यास लेने का उनका यह निर्णय एक बड़ी उपलब्धि है और वह इसके लिए खुश हैं।
दिमुथ करुणारत्ने का संन्यास श्रीलंका क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनका योगदान और उनके द्वारा श्रीलंका क्रिकेट के लिए किया गया संघर्ष आने वाले समय में याद किया जाएगा। वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस दूसरे टेस्ट मैच के बाद क्रिकेट से अलविदा लेंगे, लेकिन उनके क्रिकेट करियर की यह यात्रा एक प्रेरणा के रूप में जीवित रहेगी।