राज्यपाल और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच मतभेद
राजभवन सचिवालय में तैनात अधिकारियों के ट्रांसफर पर राज्यपाल को आपत्ति, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा- पहले सहमति लेना चाहिए
रायपुर:– छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने उनके सचिव आईएएस सोनमणि बोरा को हटाने पर आपत्ति दर्ज की है।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर कहा है कि उनकी सहमति लेकर ही राज्यपाल के लिए पूर्णकालिक सचिव की नियुक्ति की जाए। छत्तीसगढ़ सरकार ने बुधवार शाम 3 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है, जिसमें राज्यपाल के सचिव रहे आईएएस सोनमणि बोरा का नाम भी शामिल है। अब उनके पास केवल संसदीय कार्य विभाग का प्रभार बचा है।
राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख है और राज्यपाल के जरिए पूरे राज्य की व्यवस्था संचालित होती है। संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्यों की सरकार राज्यपाल की होती है। उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में सभी प्रशासनिक कार्य राज्यपाल के नाम से ही संचालित होते हैं। अतिरिक्त प्रभार वाले अधिकारी होने से कार्य की गुणवत्ता और व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।
राजभवन सचिवालय के अधिकारियों को बदलने की जरूरत हो तो अधिकारियों का पैनल भेजा जाना चाहिए। इस पैनल में राज्यपाल की सहमति और राज्यपाल द्वारा चयनित अधिकारियों की पदस्थापना किया जाय।
नये आदेश में राजभवन में 2-2 आईएएस पदस्थ किए गए हैं। अमृत कुमार खलखो को सचिव और केडी कुंजाम को संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। खलखो इस समय बस्तर कमिश्नर हैं। आईएएस खलखो को कृषि विभाग के सचिव के साथ राज्यपाल के सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है एवम आईएएस कुंजाम संयुक्त सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। कुंजाम जीएडी के संयुक्त सचिव के साथ राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।