धोनी ने विराट कोहली के साथ अपनी दोस्ती, आईपीएल की बदलती रणनीतियों और भोजपुरी कमेंट्री पर साझा किए अपने विचार
चेन्नई : भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हाल ही में विराट कोहली के साथ अपनी दोस्ती, आईपीएल में बदलती बल्लेबाजी रणनीतियों और क्षेत्रीय भाषाओं में हो रही कमेंट्री को लेकर अपनी राय साझा की। धोनी, जो 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके थे और 2016-17 में वनडे व टी20 की कप्तानी छोड़ चुके थे, ने विराट कोहली को अपनी कप्तानी के उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार किया था। हालांकि, वर्षों में दोनों खिलाड़ियों के बीच मतभेद की कई खबरें सामने आई थीं, लेकिन धोनी ने स्पष्ट किया कि अब उनके और कोहली के बीच गहरी दोस्ती बन चुकी है।
धोनी ने कहा कि जब वे कप्तान थे, तब उनका और कोहली का रिश्ता एक कप्तान और युवा खिलाड़ी का था, लेकिन अब दोनों एक-दूसरे के अच्छे दोस्त हैं। उन्होंने बताया कि चूंकि अब वे दोनों कप्तानी की जिम्मेदारियों से मुक्त हैं, इसलिए उन्हें मैच से पहले ज्यादा समय मिलता है और वे खुलकर बातचीत कर सकते हैं। इस बयान के जरिए धोनी ने यह भी जाहिर किया कि क्रिकेट के मैदान से परे भी उनके और विराट कोहली के बीच एक मजबूत आपसी समझ बनी हुई है।
इसके अलावा, धोनी ने आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स के शानदार आगाज पर भी अपनी राय दी। आईपीएल के इस सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स ने मुंबई इंडियंस को हराकर जीत दर्ज की, जिसमें धोनी खुद तो कोई रन नहीं बना सके, लेकिन मैदान में उनके आने मात्र से ही स्टेडियम में ‘थाला-थाला’ के नारे गूंज उठे। इस पर धोनी ने कहा कि वह अब खेल को एक अलग दृष्टिकोण से देख रहे हैं और खुद को बदलते समय के साथ ढालने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
धोनी ने मौजूदा क्रिकेट में तेजी से बदलती बल्लेबाजी शैली पर भी बात की। उन्होंने कहा कि आज के बल्लेबाज जोखिम लेने को तैयार हैं और अपनी पारंपरिक बल्लेबाजी में कई नए इनोवेटिव शॉट्स जोड़ रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से रिवर्स स्कूप, स्वीप और तेज गेंदबाजों के खिलाफ रिवर्स स्वीप जैसे शॉट्स का उल्लेख किया, जो अब खेल का हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भी इन बदलावों को अपनाना होगा, ताकि वे खुद को प्रासंगिक बनाए रख सकें। धोनी ने 2008 के पहले आईपीएल सीजन और 2024 के हालिया आईपीएल के बीच के अंतर को लेकर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने बताया कि शुरुआती वर्षों में पिचें स्पिनरों के अनुकूल होती थीं, लेकिन अब भारत की पिचें बल्लेबाजों के लिए अधिक अनुकूल हो गई हैं, जिससे बड़े स्कोर बनाना पहले की तुलना में ज्यादा आसान हो गया है।
इसके अलावा, धोनी ने आईपीएल के क्षेत्रीय भाषाओं में कमेंट्री होने के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने विशेष रूप से भोजपुरी कमेंट्री पर अपनी राय रखते हुए कहा कि यह उन्हें उनके स्कूल के दिनों की याद दिलाती है, जब रेडियो पर कमेंट्री सुनना एक अलग ही अनुभव हुआ करता था। उन्होंने कहा कि भोजपुरी कमेंट्री में जिस तरह का जोश और उत्साह देखने को मिलता है, वह दर्शकों को खेल से और अधिक जोड़ने का काम करता है।
धोनी ने इस सीजन से पहले चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़कर ऋतुराज गायकवाड़ को टीम की बागडोर सौंप दी थी। इस फैसले को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि धोनी अब भी पर्दे के पीछे से फैसले ले रहे हैं। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि ऋतुराज पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से फैसले ले रहे हैं और वह केवल जरूरत पड़ने पर उन्हें सलाह देते हैं। धोनी ने बताया कि गायकवाड़ को कप्तान बनाने के पीछे उनकी शांति और धैर्यपूर्ण स्वभाव मुख्य वजह रही। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऋतुराज से पहले ही कह दिया था कि उनकी सलाह को मानना या न मानना पूरी तरह से उनके ऊपर निर्भर है, क्योंकि कप्तान को अपने फैसले खुद लेने चाहिए।
महेंद्र सिंह धोनी का यह बयान क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद खास है, क्योंकि इसमें उन्होंने न केवल अपनी क्रिकेटिंग समझ और खेल में हो रहे बदलावों पर बात की, बल्कि यह भी दिखाया कि वह अब भी खेल को लेकर कितने जुनूनी हैं। आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स के प्रदर्शन को लेकर धोनी कितने गंभीर हैं, यह उनके इस बयान से साफ झलकता है।