“उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने छत्तीसगढ़ में पीआरएसआई सम्मेलन में दिया संबोधन, राज्य की समृद्धि और जनसंपर्क की शक्ति पर किया जोर”

रायपुर:  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में आयोजित पीआरएसआई (Public Relations Society of India) के 46वें ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस नेशनल कॉन्फ्रेंस-2024 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। इस सम्मेलन के समापन सत्र में उन्होंने राज्य और राष्ट्रभर के प्रतिनिधियों को संबोधित किया और इस अवसर पर छत्तीसगढ़ को मिली महत्वपूर्ण पहचान की सराहना की।

अपने संबोधन में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है कि पीआरएसआई ने 46वें अधिवेशन के आयोजन के लिए राज्य को चुना। उन्होंने कहा कि यह राज्य, जो ऐतिहासिक, पौराणिक और प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है, को इस अवसर पर विशेष सम्मान प्राप्त हुआ है। उन्होंने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की समृद्धि, प्राकृतिक सौंदर्य और संसाधनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह भूमि जहां एक ओर पहाड़, जंगल, और नदियों से भरपूर है, वहीं दूसरी ओर कोयले से लेकर हीरे तक की खदानों से समृद्ध है।

अरुण साव ने कहा कि इस राज्य का जो विकास होना चाहिए था, वह अब तक अधूरा रह गया है, हालांकि यह अवसर छत्तीसगढ़ को देशभर में प्रमुखता दिलाने में सहायक होगा। उन्होंने आगे कहा कि जनसंपर्क के माध्यम से विकास और सूचना के प्रसार में अत्यधिक सफलता पाई जा सकती है, जो सीधे जनता तक पहुंचने का सशक्त तरीका है। उनका मानना था कि यह जनसंपर्क का क्षेत्र अब लगातार नए innovations देख रहा है, जिससे इसकी क्षमता में भी भारी विस्तार हुआ है।

सदस्य प्रतिनिधियों के साथ राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कई विशेषज्ञों ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया और इसे जनसंपर्क की दिशा में एक मील का पत्थर करार दिया। सम्मेलन के समापन समारोह में चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर में दर्शन के साथ समारोह को औपचारिक रूप से समाप्त किया गया। इसके साथ ही जनसंपर्क के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, ताकि उन्हें उनके योगदान के लिए सराहा जा सके।

यह आयोजन छत्तीसगढ़ के समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और वर्तमान में प्राप्त किए गए विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही, इस सम्मेलन ने न केवल राज्य को जनसंपर्क के क्षेत्र में प्रमुखता दी, बल्कि एक मजबूत और प्रभावी संवाद के माध्यम से सामाजिक कल्याण के कार्यों को गति देने की दिशा में नए विचारों और पहलों को भी उजागर किया।