दिल्ली विधानसभा सत्र का आगाज़, शपथ ग्रहण के साथ नए राजनीतिक समीकरणों की झलक

नई दिल्ली:  दिल्ली विधानसभा का नया सत्र आज औपचारिक रूप से शुरू हो गया, जिसमें नव-निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जा रही है। प्रोटेम स्पीकर के रूप में चुने गए अरविंद सिंह लवली इस प्रक्रिया का नेतृत्व कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण सत्र की शुरुआत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण से हुई, जिन्होंने दिल्ली विधानसभा की सदस्य के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

सत्र के पहले ही दिन राजनीतिक घटनाक्रमों और बयानों ने माहौल को गरमा दिया। दिल्ली विधानसभा में बीजेपी विधायक वीरेंद्र सचदेवा ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा कि यह नई विधानसभा के लिए एक नई शुरुआत है। उन्होंने विपक्ष की नेता आतिशी को बधाई दी और उम्मीद जताई कि वे पिछली सरकार की तरह टकराव की राजनीति करने के बजाय सकारात्मक एजेंडे के साथ काम करेंगी। उनके इस बयान को आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

इस दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने भी पुरानी घटनाओं को याद करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विधानसभा से अपने निष्कासन की घटना को याद किया और कहा कि समय सबसे शक्तिशाली होता है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब उन्हें अपमानित कर सदन से बाहर निकाला गया था, तब उस फैसले के पीछे तत्कालीन स्पीकर राम निवास गोयल, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का हाथ था। उन्होंने कहा कि उस समय सत्ता के नशे में चूर ये नेता यह सोच रहे थे कि उनका प्रभुत्व हमेशा बना रहेगा, लेकिन आज हालात पूरी तरह बदल चुके हैं और इनमें से कोई भी अब सदन में मौजूद नहीं है। उन्होंने इसे न्याय का चक्र बताते हुए कहा कि सत्ता परिवर्तन की यह प्रक्रिया लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है।

दिल्ली विधानसभा के इस सत्र को लेकर राजनीतिक गलियारों में भारी हलचल देखी जा रही है। नई सरकार और विपक्ष के बीच होने वाली चर्चाओं से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में सदन में कई मुद्दों पर तीखी बहस देखने को मिलेगी। सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार विधानसभा में नए समीकरणों के साथ काम शुरू हुआ है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सत्र दिल्ली की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।