दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: क्या बीजेपी का 27 साल का वनवास होगा समाप्त या फिर AAP की चौथी बार सत्ता में होगी वापसी
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम 8 फरवरी को घोषित होंगे, और इस समय दिल्ली की राजनीतिक दिशा को लेकर भारी उत्सुकता देखी जा रही है। एग्जिट पोल्स के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बहुमत मिलने का अनुमान है, लेकिन अगर आम आदमी पार्टी (AAP) जीत हासिल करती है, तो यह उसकी लगातार चौथी बार दिल्ली में सरकार बनाने की जीत होगी। इसके विपरीत, बीजेपी की जीत दिल्ली में उसका 27 साल का वनवास खत्म करने के रूप में देखी जाएगी।
इस चुनाव के परिणाम का असर केवल दिल्ली की राजनीति पर नहीं पड़ेगा, बल्कि यह देश भर के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को भी प्रभावित करेगा। अगर आम आदमी पार्टी इस चुनाव में जीतती है, तो यह न केवल दिल्ली की सियासत में केजरीवाल का प्रभाव बढ़ाएगी, बल्कि पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने के उनके प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में फिर से सरकार बनने पर विपक्षी दलों के बीच आम आदमी पार्टी के प्रति रुझान बढ़ सकता है, खासकर इंडिया ब्लॉक के भीतर। इससे कांग्रेस की सियासी जमीन भी खतरे में पड़ सकती है।
हालांकि, अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार होती है, तो यह केजरीवाल के लिए एक बड़ा व्यक्तिगत झटका होगा। दिल्ली के विकास मॉडल पर सवाल उठ सकते हैं, जिस पर केजरीवाल ने हमेशा अपना सियासी आधार रखा है। इससे न केवल उनकी पार्टी की सियासत पर असर पड़ेगा, बल्कि उनकी योजनाओं और नीतियों को लेकर विपक्षी दलों के सवालों का सामना करना पड़ेगा। दिल्ली की हार के बाद, उनकी पार्टी के राष्ट्रीय विस्तार की योजना भी बाधित हो सकती है, और इंडिया गठबंधन के जो दल आम आदमी पार्टी के पक्ष में खड़े थे, वे फिर से पीछे हट सकते हैं।
वहीं, बीजेपी की जीत दिल्ली में लंबे समय के बाद सत्ता में वापसी का प्रतीक होगी। अगर बीजेपी सत्ता में आती है, तो यह दिल्ली में 11 साल बाद डबल इंजन सरकार का गठन होगा, जिसमें दिल्ली और केंद्र दोनों में बीजेपी की सरकार होगी। यह न केवल बीजेपी के लिए एक बड़ा राजनीतिक बूस्टर होगा, बल्कि ब्रांड मोदी की ताकत को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, दिल्ली में बीजेपी की जीत के बाद, महाराष्ट्र के बाद अन्य राज्यों में भी क्षेत्रीय दलों के खिलाफ बीजेपी की ताकत को महसूस किया जाएगा, जिससे पार्टी के सियासी कद में वृद्धि होगी।
लेकिन अगर बीजेपी हार जाती है, तो यह पार्टी के लिए एक बड़ा झटका होगा, खासकर मोदी और शाह के नेतृत्व में। दिल्ली चुनाव में हार के बाद, बीजेपी की दिल्ली प्रदेश इकाई को लेकर सवाल उठ सकते हैं, और यह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को चुनौती दे सकता है। बीजेपी को दिल्ली में जीत की जरूरत है ताकि वह अपनी राजनीतिक मजबूती को फिर से स्थापित कर सके और आगामी लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सके।
दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम न केवल दिल्ली की राजनीति के लिए अहम है, बल्कि यह पूरे देश की राजनीति में भी गहरे सियासी बदलावों की शुरुआत कर सकता है।