दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: पोस्टर वॉर और सियासी जंग के नए रंग
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजधानी की राजनीति गर्मा गई है। जैसे ही चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को परिणाम घोषित करने की घोषणा की, राजनीतिक दलों ने अपने-अपने अभियानों में नई ऊर्जा डाल दी। चुनाव मैदान में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच देखा जा रहा है, जबकि कांग्रेस भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में है।
पोस्टर वॉर: सड़कों और सोशल मीडिया पर आर-पार की जंग
चुनाव प्रचार का दिलचस्प पहलू इस बार का पोस्टर वॉर है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सड़कों पर होर्डिंग्स और पोस्टर लगाकर भाजपा को निशाने पर लिया। इन पोस्टरों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर के साथ सवाल पूछा गया, “दिल्ली का सीएम कौन?” पोस्टर में भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उसे “गाली-गलौज पार्टी” कहा गया।
दिल्ली के वजीरपुर फेस-1 अशोक विहार और शादीपुर डिपो में लगे इन होर्डिंग्स ने स्थानीय निवासियों और समर्थकों का ध्यान खींचा। पोस्टरों के साथ सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी ने नया वीडियो साझा किया, जिसमें भाजपा से पूछा गया कि उनका मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है। वीडियो के कैप्शन में लिखा था, “भाजपा वालों, तुम्हारा दूल्हा कौन है?” यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर तेजी से वायरल हुआ।
भाजपा का पलटवार और नए नारे
आम आदमी पार्टी के इस तंज पर भाजपा ने भी तेजी से प्रतिक्रिया दी। भाजपा ने नया पोस्टर जारी करते हुए लिखा, “आप-दा जाएगी, भाजपा आएगी।” पार्टी ने सीधे-सीधे आप पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने जनता को गुमराह किया है। भाजपा ने कहा कि इस बार दिल्ली की जनता आप से ऊब चुकी है और सत्ता में बदलाव चाहती है।
सहयोगियों का समर्थन और गठबंधन की रणनीति
इस बार का चुनाव दिलचस्प इसलिए भी है क्योंकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं। हालांकि, चुनाव में कांग्रेस भी अपने उम्मीदवार उतार रही है, जो अप्रत्यक्ष रूप से आप के खिलाफ मैदान में हैं। वहीं, टीएमसी और सपा जैसी पार्टियों ने आप को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है, जिससे आम आदमी पार्टी को राहत मिली है।
दिल्ली की 70 सीटों पर कड़ा मुकाबला
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर एक ही चरण में चुनाव होंगे। 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुए आप और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होना तय माना जा रहा है। आप अपने गवर्नेंस मॉडल, मुफ्त बिजली-पानी योजनाओं और स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र में कामों को मुख्य चुनावी मुद्दा बना रही है। दूसरी तरफ भाजपा आप के कथित भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी को भुनाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस की स्थिति और विपक्षी रणनीति
कांग्रेस, जो पिछले चुनावों में अपनी जमीन खो चुकी थी, इस बार अपनी रणनीति बदलकर सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है। हालांकि, अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस का पूरा ध्यान वोट शेयर बढ़ाने और राष्ट्रीय राजनीति में मजबूत संदेश देने पर है।
दिल्ली की जनता का मूड
दिल्ली की जनता इस बार सतर्क और सोच-समझकर अपने निर्णय लेने के मूड में है। पिछले चुनावों में 62 सीटें जीतने वाली आप को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। भाजपा और कांग्रेस भी पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि जनता के असंतोष को अपने पक्ष में मोड़ सकें।
क्या कहते हैं जानकार?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, चुनाव का नतीजा इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन से मुद्दे चुनाव के दिन तक जनता के बीच प्रभावी रहते हैं। मुफ्त योजनाओं का मुद्दा कितना प्रभाव डालता है और भाजपा अपनी रणनीति से जनता को कैसे जोड़ती है, यह देखने लायक होगा।
2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव केवल पार्टियों की शक्ति का परीक्षण नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और सामूहिक भविष्य को निर्धारित करने वाला एक महत्वपूर्ण अध्याय होगा। राजधानी की सड़कों पर लगे पोस्टरों और सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग ने सियासी पारा तो चढ़ा दिया है, अब देखना यह है कि वोटिंग का दिन किस पार्टी के लिए फाइनल मैच बनता है।
