हिजबुल्ला के कमांडर हसन नसरल्ला की मौत: इस्राइली हमलों से बढ़ा राजनीतिक तनाव

बेरूत : इस्राइली सेना ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने हिजबुल्ला के प्रमुख हसन नसरल्ला की हत्या की पुष्टि की है। इस्राइली सेना के अनुसार, नसरल्ला को बेरूत के दक्षिणी उपनगर में हिजबुल्ला के मुख्यालय पर किए गए एक हवाई हमले में मारा गया, जो कि रिहायशी इमारतों के नीचे स्थित था। इस हमले में नसरल्ला के अलावा हिजबुल्ला के दक्षिणी मोर्चे के प्रमुख अली काराकी और कई अन्य शीर्ष कमांडर्स की भी मौत हुई है।

आईडीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उल्लेख किया है कि “हसन नसरल्ला अब कभी दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएगा,” जो दर्शाता है कि इस्राइली सेना हिजबुल्ला के खिलाफ अपनी कार्रवाई को लेकर कितनी गंभीर है। जानकारी के अनुसार, नसरल्ला और उनके सहयोगी इस्राइल पर हमले की योजना बना रहे थे, जब उन पर यह हमला हुआ।

इसके अलावा, नसरल्ला की बेटी जैनब की भी मौत की खबर सामने आई है, जो कि हिजबुल्ला की गतिविधियों में एक प्रमुख स्थान रखती थीं। इस्राइली सेना ने पहले भी हिजबुल्ला की मिसाइल यूनिट के प्रमुख मोहम्मद अली इस्माइल और उनके डिप्टी हुसैन अहमद इस्माइल के मारे जाने की जानकारी दी थी, साथ ही हिजबुल्ला की मिसाइल और रॉकेट फोर्स के प्रमुख मोहम्मद कबीसी की भी हत्या की पुष्टि की गई है।

इस्राइली सेना का यह हमला केवल हिजबुल्ला पर ही नहीं, बल्कि हमास पर भी व्यापक प्रभाव डाल रहा है। सीरिया में, इस्राइली सेना ने एक हमास के शीर्ष नेता अहमद मोहम्मद फहद को भी मार गिराया है, जो गोलन हाइट्स में रॉकेट हमलों के पीछे का मुख्य व्यक्ति माना जाता था।

इस घटनाक्रम ने इजरायल और हिजबुल्ला के बीच जारी संघर्ष को और भी गंभीर बना दिया है, और अब दुनिया देख रही है कि इन घटनाओं का क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या असर पड़ेगा। यह स्थिति न केवल मध्य पूर्व में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को दर्शाती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा और राजनीतिक गतिशीलता को भी प्रभावित कर सकती है।