दयालदास बघेल का संदेश: जनजातीय समाज से बनती है छत्तीसगढ़ की संस्कृति

सूरजपुर:  छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री दयालदास बघेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेमनगर के विधायक भूलन सिंह मरावी ने की। इस आयोजन का उद्देश्य भगवान बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सम्मानित करना और उनकी स्मृति को जन-जन तक पहुंचाना था।

जनजातीय गौरव दिवस हर साल 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भगवान बिरसा मुंडा को “धरती आबा” के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनजातीय समाज का नेतृत्व किया और अपने अद्वितीय संघर्ष और बलिदान से देश को स्वतंत्रता के प्रति प्रेरित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस घोषित करना जनजातीय समाज के लिए गर्व का विषय है।

आयोजन के दौरान स्थानीय लोक कलाकारों ने पारंपरिक जनजातीय नृत्य प्रस्तुत किए, जो जनजातीय समाज की अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बिहार के जमुई में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह का लाइव प्रदर्शन भी दिखाया गया, जिसे दर्शकों ने सराहा।

इस अवसर पर विधायक प्रतापपुर शकुंतला पोर्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी मरावी, नगर पालिका अध्यक्ष के.के. अग्रवाल, पूर्व गृह मंत्री रामसेवक पैकरा, संभागायुक्त जी.आर. चुरेंद्र, कलेक्टर एस. जयवर्धन, और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।मुख्य अतिथि दयालदास बघेल ने अपने संबोधन में जनजातीय समाज को छत्तीसगढ़ का गौरव बताते हुए कहा कि राज्य और देश के विकास में जनजातीय समाज का योगदान अद्वितीय है।

उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान और नेतृत्व को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में जनजातीय समाज के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।उन्होंने यह भी घोषणा की कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय और आत्मानंद विद्यालय के विद्यार्थियों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए 25-25 हजार रुपये, और शिक्षा परिसर सूरजपुर के विद्यार्थियों को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

कार्यक्रम में विभिन्न जनजातीय समाजों के प्रमुखों को उनके समाज के विकास में दिए गए योगदान के लिए शाल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जनजातीय विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया।संभागायुक्त जी.आर. चुरेंद्र ने जनजातीय समाज के नायकों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनकी जीवन शैली और मूल्यों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने “वसुधैव कुटुंबकम्” और “कर्म ही धर्म” जैसे आदर्शों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस कार्यक्रम के माध्यम से भगवान बिरसा मुंडा, रानी दुर्गावती, और गहिरा गुरु जैसे जनजातीय नायकों की गाथाओं को याद किया गया। उनकी वीरता और संघर्ष का स्मरण कर समाज को प्रेरित करने का प्रयास किया गया।जनजातीय गौरव समाज के अध्यक्ष इंद्र भगत ने जनजातीय समाज को अपने इतिहास और परंपराओं से जुड़ने और देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया। पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने बिरसा मुंडा की संघर्षशीलता को आदिवासी समाज के लिए प्रेरणादायक बताया।

यह आयोजन न केवल जनजातीय समाज की सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करने का अवसर बना, बल्कि उनके उत्थान और विकास के लिए नई प्रेरणा का संचार भी किया। जनजातीय गौरव दिवस के इस आयोजन ने समाज के हर वर्ग को एकजुट होकर जनजातीय नायकों के योगदान को आगे बढ़ाने और उनकी विरासत को सहेजने का संकल्प लेने का अवसर प्रदान किया।