“चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का कहर: ओडिशा में भारी बारिश और तेज आंधी की चेतावनी, स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद”
भुवनेश्वर : ओडिशा में चक्रवाती तूफान “दाना” का खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते राज्य के कई जिलों में आज और कल भारी बारिश और तेज आंधी का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बना कम दाब का क्षेत्र गुरुवार को चक्रवाती तूफान में बदलकर ओडिशा के तट से टकराने की संभावना है। तूफान के प्रभाव से 100-120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है, जिससे राज्य में व्यापक स्तर पर तबाही मचने की आशंका है। सरकार ने एहतियात के तौर पर तूफान से प्रभावित संभावित जिलों में 23 से 25 अक्टूबर तक स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश जारी किया है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के मध्य क्षेत्र में एक कम दाब का क्षेत्र विकसित हो रहा है, जो तेजी से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। आज, 22 अक्टूबर को यह कम दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान “दाना” में परिवर्तित हो जाएगा, और कल, 23 अक्टूबर को इसके ओडिशा के उत्तरी तट से टकराने की प्रबल आशंका है। इस चक्रवात के चलते ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और तूफानी हवाओं का कहर देखने को मिल सकता है।
ओडिशा के कई जिलों, जिनमें गंजाम, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर, मयूरभंज, क्योंझर, ढेंकनाल, जाजपुर, अंगुल, खुर्दा, नयागढ़, और कटक शामिल हैं, में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। इन जिलों में चक्रवात के चलते जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है, साथ ही बिजली, पानी और संचार व्यवस्था पर भी असर पड़ने की आशंका है। प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को सतर्क कर दिया है और लोगों से अपील की है कि वे आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाएं और घरों से बाहर न निकलें।
सरकार ने तूफान से पहले राहत और बचाव कार्यों की तैयारी के लिए प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और अन्य आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात कर दिया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है, और जिन मछुआरों ने समुद्र में प्रवेश किया है, उन्हें तुरंत तट पर लौटने की सलाह दी गई है।
चक्रवाती तूफान “दाना” के कारण ओडिशा में व्यापक स्तर पर नुकसान हो सकता है। बिजली आपूर्ति, परिवहन, और संचार के प्रभावित होने की संभावना है। कृषि क्षेत्र पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है, खासकर फसलें बर्बाद होने का खतरा है। मौसम विभाग और प्रशासन के अनुसार, लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।