आईएसएस पर दरारों का संकट: सुनीता विलियम्स और विल्मोर की सुरक्षा पर मंडराते खतरे

SUNITA WILLIAMS :  अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी बुच विल्मोर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। नासा की हालिया रिपोर्ट ने अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसएस पर दरारों और रिसाव की संख्या 50 से अधिक हो गई है, जिससे वहां रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

Sunita Williams Barry Butch Wilmore might not return to Earth until February 2025 | Jansatta

दरारों और रिसाव की समस्या से बढ़ा संकट

आईएसएस पर छोटी-मोटी लीक की घटनाएं पिछले कुछ वर्षों से होती रही हैं, लेकिन हाल ही में दरारों की संख्या और उनकी गंभीरता में वृद्धि हुई है। नासा ने यह स्वीकार किया है कि अंतरिक्ष स्टेशन को गंभीर नुकसान हुआ है, जिससे वहां रह रहे अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा की गारंटी देना कठिन हो गया है। रिसाव और दरारें स्टेशन की संरचना को कमजोर कर सकती हैं, जो एक बड़े संकट का संकेत है।

बोइंग स्टारलाइनर मिशन में आई खराबी

सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर का यह मिशन केवल आठ दिनों के लिए निर्धारित था। उन्हें आईएसएस पर ले जाने वाला बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान तकनीकी खराबी के कारण उन्हें वापस लाने में विफल रहा है। नासा ने जून 2024 में उनकी वापसी की योजना बनाई थी, लेकिन बार-बार तकनीकी दिक्कतों के चलते उनकी वापसी फरवरी 2025 तक स्थगित कर दी गई है।

आईएसएस की मौजूदा स्थिति और नासा की चुनौती

नासा की रिपोर्ट के अनुसार, आईएसएस पर मौजूद रिसाव और दरारों ने स्थिति को जटिल बना दिया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने माना है कि इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो अंतरिक्ष यात्रियों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। नासा और बोइंग की टीमें इन समस्याओं को हल करने में जुटी हुई हैं। इसके बावजूद, आईएसएस की संरचना की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता बनी हुई है।

सुनीता विलियम्स और विल्मोर की सुरक्षा

सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी विल्मोर अब भी आईएसएस पर मौजूद हैं। अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ सकता है। खराबी के कारण मिशन में लगातार हो रही देरी ने उनके लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। हालांकि नासा ने भरोसा दिलाया है कि उनके सुरक्षित वापस लौटने की हरसंभव कोशिश की जा रही है, लेकिन फिलहाल उनकी वापसी की कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं की गई है।

अंतरिक्ष मिशन में देरी के कारण उठते सवाल

बोइंग स्टारलाइनर मिशन में आई तकनीकी खराबी ने न केवल इस मिशन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि नासा और अन्य एजेंसियों के लिए एक गंभीर समस्या भी पैदा कर दी है। यह मिशन अंतरिक्ष यान की तकनीकी तैयारियों और संरचना की कमजोरियों को उजागर करता है।

नासा की प्राथमिकताएं और आगे की योजनाएं

नासा ने इस संकट के समाधान के लिए तेजी से काम करने की घोषणा की है। एजेंसी ने अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आईएसएस की संरचनात्मक समस्याओं को हल करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है। इसके अलावा, आईएसएस पर अतिरिक्त जांच और आवश्यक मरम्मत के लिए अतिरिक्त उपकरण और संसाधन भेजने की योजना भी बनाई जा रही है।

फिर इतिहास रचेंगी भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स, 12 साल बाद करेंगी अंतरिक्ष की यात्रा - indian american astronaut sunita williams third space mission nasa pryd amrk - AajTak

सुनीता विलियम्स: अंतरिक्ष में नया अध्याय

सुनीता विलियम्स ने पहले भी अपने साहसिक अंतरिक्ष अभियानों से दुनिया को प्रेरित किया है। यह मिशन उनके लिए एक और चुनौतीपूर्ण अध्याय साबित हो रहा है। उनकी वापसी का इंतजार पूरी दुनिया कर रही है। इस मिशन ने न केवल उनकी दृढ़ता और समर्पण को उजागर किया है, बल्कि अंतरिक्ष अभियानों में आने वाली कठिनाइयों और जोखिमों को भी सामने लाया है।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अंतरिक्ष अन्वेषण तकनीक और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना कितना महत्वपूर्ण है। नासा और बोइंग के प्रयास इस बात पर निर्भर करते हैं कि सुनीता विलियम्स और उनके साथी सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट सकें।