वाराणसी में साईं बाबा की मूर्तियां हटाने पर विवाद, ब्राह्मण महासभा और सपा आमने-सामने
धर्म नगरी काशी में साईं बाबा की मूर्तियों को मंदिरों से हटाने का विवाद शुरू हो गया है। कई मंदिरों में साईं बाबा की मूर्तियों को हटाने के मामले सामने आ रहे हैं। काशी के बड़ा गणेश मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटाकर इसे गंगा में विसर्जित किया गया। इसके बाद, वाराणसी के अन्य मंदिरों में भी साईं बाबा की मूर्तियां हटाई जा रही हैं।
ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष अजय शर्मा का कहना है कि सनातन धर्म में प्रेत आत्माओं की पूजा मंदिरों में मान्य नहीं है। उन्होंने इसे एक “प्रेत मूर्ति” बताते हुए मंदिरों से हटाने का समर्थन किया। उनका कहना है कि साईं की मूर्ति की जगह लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित की जाएगी, और साईं भक्त अपने घरों में साईं बाबा की पूजा कर सकते हैं।
इस घटना पर समाजवादी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सपा के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने इसे काशी का माहौल खराब करने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि बनारस सभी धर्मों की आस्था का केंद्र है, और साईं बाबा की मूर्तियां पहले से मंदिरों में स्थापित थीं, तो अब इन्हें हटाने का क्या औचित्य है? उनका मानना है कि इस कदम से समाज में अशांति फैल सकती है।