नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘नादानियां’ पर विवाद गहराया, क्रिएटिव टीम की भूमिका पर उठे सवाल

नेटफ्लिक्स की नई हिंदी फिल्म ‘नादानियां’, जिसमें सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान ने मुख्य भूमिका निभाई है, को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है। फिल्म को मंजूरी देने वाली नेटफ्लिक्स की क्रिएटिव टीम सोशल मीडिया पर दर्शकों के निशाने पर आ गई है। दर्शकों और समीक्षकों का कहना है कि कमजोर कहानी और फीकी पटकथा वाली इस फिल्म को मंजूरी देकर ओटीटी प्लेटफॉर्म ने हिंदी सिनेमा को भारी नुकसान पहुंचाया है। इतना ही नहीं, फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग भी इस फैसले से नाराज हैं और मांग कर रहे हैं कि इस तरह की फिल्मों को हरी झंडी देने वाली नेटफ्लिक्स की क्रिएटिव टीम को जवाबदेह ठहराया जाए।

यह पहला मौका नहीं है जब नेटफ्लिक्स को अपनी हिंदी फिल्मों की क्वालिटी को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी हो। इससे पहले करण जौहर की फिल्म ‘ड्राइव’ के नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने के बाद भी ऐसा ही बवाल मचा था। धर्मा प्रोडक्शंस की यह फिल्म काफी समय से अटकी हुई थी, और जब इसे ओटीटी पर रिलीज किया गया, तो दर्शकों ने इसे सिरे से नकार दिया। अब इतिहास एक बार फिर दोहराया जा रहा है, जहां ‘नादानियां’ को लेकर दर्शकों की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है।

फिल्म जगत के वरिष्ठ निर्देशक संजीवन एस लाल ने इस पर कड़ा बयान देते हुए कहा कि नेटफ्लिक्स को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसी फिल्मों को मंजूरी देने का आधार क्या है। उन्होंने कहा, “इस तरह की कमजोर फिल्मों को हरी झंडी देने के बाद वही लोग हिंदी सिनेमा की गिरती लोकप्रियता पर सवाल उठाते हैं। ऐसे फैसलों से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान होता है और क्रिएटिव टीम के फैसले पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।”

नेटफ्लिक्स के मौजूदा सब्सक्राइबर्स भी इस फिल्म से निराश दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसे अब तक की सबसे कमजोर हिंदी फिल्म बताया, जबकि कुछ दर्शकों ने इसे युवा भारत की फिल्म करार देते हुए आलोचकों पर सवाल उठाए। एक दर्शक ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “अगर आपने ‘नादानियां’ देख ली तो तय है कि अगले 10 मिनट में आप नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन रद्द कर दोगे।”

फिल्म के रिलीज होते ही नेटफ्लिक्स के अंदर भी हलचल मच गई है। प्लेटफॉर्म की क्रिएटिव टीम के फैसले की समीक्षा की जा रही है और संभावित रूप से कड़ी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना के बाद नेटफ्लिक्स की निर्माणाधीन हिंदी फिल्मों को लेकर समीक्षा प्रक्रिया और कड़ी कर दी गई है, ताकि भविष्य में ऐसी गलतियों से बचा जा सके।

गौरतलब है कि नेटफ्लिक्स ने हमेशा उच्च श्रेणी के कंटेंट को बढ़ावा देने की कोशिश की है। इसी के चलते, उसने एस एस राजामौली की ‘बाहुबली’ प्रीक्वेल सीरीज को शूटिंग के बाद भी रद्द कर दिया था, क्योंकि इसे उसकी अपेक्षित गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाया गया था। अब सवाल यह उठता है कि जब नेटफ्लिक्स कंटेंट क्वालिटी पर इतना जोर देता है, तो फिर ‘नादानियां’ जैसी कमजोर फिल्म को मंजूरी कैसे दी गई?

इस विवाद से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय दर्शक अब ओटीटी कंटेंट को लेकर पहले से अधिक जागरूक और गंभीर हो गए हैं। वे सिर्फ बड़े नामों या सितारों को देखकर किसी भी फिल्म को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, बल्कि ठोस कहानी, दमदार निर्देशन और बेहतरीन अभिनय की मांग कर रहे हैं। अगर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो यह उनकी लोकप्रियता के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।

नेटफ्लिक्स के लिए यह विवाद एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, जहां उसे अपनी हिंदी फिल्मों की चयन प्रक्रिया पर गहराई से विचार करना होगा। आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि क्या नेटफ्लिक्स इस फिल्म के नकारात्मक प्रभावों से कोई सबक लेता है और अपनी भविष्य की फिल्मों के चुनाव में कोई बदलाव करता है या नहीं।