राजस्थान उपचुनाव में विवाद: एसडीएम पर फर्जी वोटिंग कराने का आरोप, निर्दलीय उम्मीदवार की गिरफ्तारी से गरमाया माहौल

राजस्थान:  राजस्थान के टोंक जिले में देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को पुलिस ने समरवता गांव से गिरफ्तार कर लिया है। मीणा पर आरोप है कि उन्होंने उपचुनाव के दौरान मतदान केंद्र पर ड्यूटी कर रहे एसडीएम अमित चौधरी के साथ मारपीट की। इस घटना के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है, और क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।

मीणा के आरोप: एसडीएम ने फर्जी वोटिंग कराई

नरेश मीणा ने एसडीएम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब गांव के लोग मतदान का बहिष्कार कर रहे थे, तब एसडीएम ने कथित तौर पर बीजेपी उम्मीदवार को जिताने के लिए फर्जी वोटिंग कराने का प्रयास किया। मीणा ने दावा किया कि एसडीएम ने स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, उनके पति, और एक शिक्षक को धमकी दी कि यदि उन्होंने वोट नहीं डाला, तो उनकी सरकारी नौकरी चली जाएगी। इस बात से गुस्साए मीणा ने मौके पर एसडीएम को थप्पड़ मार दिया और तत्काल कलेक्टर को बुलाने की मांग की।

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कलेक्टर को बुलाने की मांग और धरना

मीणा का कहना है कि उन्होंने कलेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग की, लेकिन कलेक्टर मौके पर नहीं आईं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कलेक्टर ने आने से इंकार कर दिया क्योंकि उनके हाथों में मेहंदी लगी थी। इसके विरोध में नरेश मीणा धरने पर बैठ गए। इस दौरान उनके लिए खाना और गद्दे आने की भी व्यवस्था की गई थी, लेकिन पुलिस ने धरनास्थल पर यह सामग्री नहीं पहुंचने दी और उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज कर दिया।

लाठीचार्ज और मिर्ची बम से हमला

मीणा ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने न केवल लाठीचार्ज किया, बल्कि उन पर मिर्ची बम का भी इस्तेमाल किया गया, जिससे वह बेहोश हो गए। बेहोशी की हालत में उनके समर्थक उन्हें वहां से पांच किलोमीटर दूर एक घर में ले गए और छिपा दिया। मीणा का कहना है कि उन्होंने एसपी से अपनी गिरफ्तारी के लिए खुद को पेश किया था, लेकिन उनकी मांग है कि एसडीएम के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाए।

विवाद का बढ़ता राजनीतिक प्रभाव

इस घटना ने देवली उनियारा उपचुनाव में राजनीतिक माहौल को और भी तनावपूर्ण बना दिया है। नरेश मीणा और उनके समर्थकों का कहना है कि प्रशासन निष्पक्ष चुनाव की जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है और एसडीएम ने पक्षपाती रवैया अपनाते हुए बीजेपी उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने की कोशिश की। मामले को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा और बेचैनी देखी जा रही है, जबकि प्रशासन ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कानून व्यवस्था को नियंत्रण में रखने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है।