छत्तीसगढ़ में संविधान दिवस समारोह: मुख्यमंत्री ने अंबेडकर चौक तक पदयात्रा कर संविधान के महत्व को बताया
रायपुर: आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संविधान दिवस के अवसर पर एक भव्य पदयात्रा कार्यक्रम में भाग लिया। यह पदयात्रा पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय सभागृह से शुरू होकर अंबेडकर चौक पर समाप्त हुई। मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरूण साव, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, विधायकगण इंद्र कुमार साहू, गुरु खुशवंत साहेब, अनुज शर्मा, महिला आयोग की सदस्य लक्ष्मी वर्मा और युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वजीत तोमर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय सभागृह में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान भारत की सदियों पुरानी संस्कृति, इतिहास और परंपराओं का जीवंत उदाहरण है। यह संविधान हमारे संघर्षों, अनुभवों और उपलब्धियों का नतीजा है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 26 नवंबर को संविधान दिवस 2024 का आयोजन शुरू किया गया, जिससे संविधान के 75 वर्षों की यात्रा को याद किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के निर्माता न केवल मौलिक अधिकारों की रक्षा करते हैं, बल्कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के साथ लोकतंत्र को मजबूत करने का संदेश भी दिया है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर भगवान श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण की तस्वीर का उल्लेख किया, जो संविधान में अंकित है और जो हमें भारतीय परंपराओं के साथ लोकतंत्र को बढ़ावा देने की प्रेरणा देता है।
कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने संविधान दिवस के महत्व को बताया और कहा कि इस दिन हमें संविधान के प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संविधान दुनिया के सबसे बड़े और आदर्श संविधान के रूप में जाना जाता है, जो लोकतंत्र का जीवन दर्शन है।
वन मंत्री केदार कश्यप ने संविधान को जन-जन तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान की सराहना की और कहा कि यह संविधान ही है जिसने दलितों और आदिवासियों को आगे बढ़ने का अवसर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता, और उनका योगदान लोकतंत्र और समाज सुधार में अविस्मरणीय रहेगा।
विधायक धरमलाल कौशिक ने संविधान दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे संविधान निर्माताओं को नमन करने का दिन बताया। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने और संविधान के प्रति सम्मान बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।
संविधान दिवस के इस आयोजन के दौरान “हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान” टैगलाइन के साथ पूरे सालभर चलने वाली जागरूकता अभियान की घोषणा की गई। इस कार्यक्रम में खेल विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा, जिला पंचायत के सीईओ विश्वदीप, और अन्य अधिकारीगण तथा स्कूली छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे।
