कांग्रेस का इंदिरा भवन: नए मुख्यालय में सोनिया गांधी, नरसिम्हा राव और केसरी की विरासत के साथ ग्रीन बिल्डिंग की अनोखी झलक

नई दिल्ली कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में राजधानी दिल्ली में अपने नए मुख्यालय, इंदिरा भवन, का उद्घाटन किया। यह नया मुख्यालय कोटला रोड पर स्थित है और इसे एक पर्यावरण-अनुकूल ग्रीन बिल्डिंग के रूप में डिज़ाइन किया गया है। पाँच मंजिला यह इमारत कांग्रेस के 140 वर्षों के गौरवशाली इतिहास को समर्पित है, जिसमें आज़ादी के संघर्ष से लेकर वर्तमान समय तक की झलक मिलती है।

नए भवन की मुख्य विशेषताएं

  1. ग्राउंड फ्लोर पर ऐतिहासिक लाइब्रेरी
    नए कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर एक लाइब्रेरी स्थापित की गई है। लाइब्रेरी का उद्देश्य पार्टी के समृद्ध इतिहास और विचारधारा को संरक्षित करना है। ग्राउंड फ्लोर पर मीडिया ब्रीफिंग रूम और एक कैफेटेरिया भी बनाया गया है।
  2. हर मंजिल पर ऐतिहासिक झलकियां
    इमारत की दीवारों पर पार्टी के पहले अध्यक्ष व्योमकेश चंद्र बनर्जी से लेकर वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक के सभी प्रमुख नेताओं के योगदान की तस्वीरें और उद्धरण लगाए गए हैं। महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे नेताओं की दुर्लभ तस्वीरें और प्रेरणादायक कथन भी यहां देखे जा सकते हैं।
  3. अलग-अलग विभागों के लिए समर्पित स्थान
    • ग्राउंड फ्लोर: लाइब्रेरी, मीडिया रूम, और कैफेटेरिया।
    • पहली मंजिल: एक बड़ा ऑडिटोरियम।
    • दूसरी मंजिल: पार्टी के विभिन्न विभागों और सेल के कार्यालय।
    • तीसरी मंजिल: ओपन ऑफिस, जहां सचिव और प्रभारी बैठेंगे।
    • चौथी मंजिल: कांग्रेस महासचिवों और युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, और महिला कांग्रेस प्रमुखों के कार्यालय।
    • पाँचवीं मंजिल: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के कार्यालय।
  4. प्रवेश और विशेष डिज़ाइन
    कांग्रेस के नए कार्यालय का मुख्य गेट पीछे के दरवाजे से है, जो कोटला रोड पर खुलता है। इस निर्णय के पीछे एक ऐतिहासिक कारण है। फ्रंट एंट्री पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित होने के कारण पार्टी ने अपना आधिकारिक पता पिछले दरवाजे से रखने का फैसला किया।

इतिहास से जुड़ा वर्तमान

कांग्रेस के पुराने मुख्यालय, 24 अकबर रोड, की ऐतिहासिक महत्ता को भी बनाए रखा गया है। नए भवन में शिफ्ट होने के बावजूद, यह स्थान बड़े नेताओं और बैठकों के लिए सक्रिय रहेगा।

1970 के दशक में कांग्रेस का मुख्यालय रायसीना रोड पर हुआ करता था, और उसके बाद यह अकबर रोड स्थानांतरित हो गया। हालांकि, केंद्र सरकार ने 2015 में कांग्रेस को आवंटित चार बंगलों का पट्टा रद्द कर दिया, जिसमें अकबर रोड का परिसर भी शामिल था।

भविष्य की ओर एक कदम

नया कांग्रेस कार्यालय आधुनिकता और परंपरा का एक आदर्श मेल है। इसे न केवल पर्यावरण-अनुकूल बिल्डिंग के रूप में डिज़ाइन किया गया है, बल्कि यह देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के गौरवपूर्ण इतिहास और मजबूत मूल्यों का प्रतीक भी है। यह कदम कांग्रेस के नए दौर की शुरुआत का संकेत है, जहां आधुनिक सुविधाओं और संगठित संरचना के साथ पार्टी अपनी जड़ों से जुड़े रहने का प्रयास कर रही है।