“कुमार विश्वास की टिप्पणी पर कांग्रेस का विरोध, सोनाक्षी सिन्हा की शादी को लेकर उठे सवाल”

कवि कुमार विश्वास द्वारा दी गई एक हालिया टिप्पणी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में आयोजित एक कवि सम्मेलन के दौरान विवाद खड़ा कर दिया है। कुमार विश्वास ने अंतर-धार्मिक विवाह पर अपनी बात रखते हुए जो टिप्पणी की, उसे लेकर कांग्रेस पार्टी में हलचल मच गई है। उनका यह बयान अब राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से चर्चा का केंद्र बन गया है, क्योंकि इसे अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा की शादी से जोड़कर देखा जा रहा है। कुमार विश्वास का कहना था, “अपने बच्चों को रामायण और गीता पढ़वाइए, वरना ऐसा न हो कि आपके घर का नाम तो रामायण हो और आपकी श्रीलक्ष्मी को कोई और उठा कर ले जाए।”

भले ही कुमार विश्वास ने इस बयान में किसी विशेष व्यक्ति का नाम नहीं लिया, फिर भी उनका इशारा सोनाक्षी सिन्हा की हालिया अंतर-धार्मिक शादी की ओर माना जा रहा है, जहां उन्होंने अभिनेता जहीर इकबाल से शादी की थी। यह टिप्पणी और सोनाक्षी सिन्हा के परिवार के घर का नाम ‘रामायण’ होने के कारण चर्चा में आई, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि कुमार विश्वास का इशारा उनकी शादी की ओर था।

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और उसे महिलाओं के प्रति कुमार विश्वास की मानसिकता का आईना करार दिया। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा कि कुमार विश्वास ने केवल सोनाक्षी सिन्हा की अंतर-धार्मिक शादी पर तंज नहीं कसा, बल्कि इस बयान से महिलाओं के लिए उनकी सोच और दृष्टिकोण भी स्पष्ट हो गया है, जो बेहद आपत्तिजनक है।

कांग्रेस पार्टी ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कुमार विश्वास को न सिर्फ उनके विचारों के लिए घेरते हुए आलोचना की, बल्कि यह भी कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी समाज को बांटने और विषमता फैलाने का काम करती है। विवाद ने खासतौर से उस सामाजिक दृष्टिकोण को सामने रखा है, जो अंतर-धार्मिक विवाहों और महिला स्वतंत्रता के मुद्दे पर खड़ा हुआ है।

कुमार विश्वास की यह टिप्पणी समाज में दो गहरे मुद्दों को उभरने का कारण बनी है — एक तो धर्मनिरपेक्षता और महिला सशक्तिकरण, और दूसरा, सार्वजनिक और निजी जीवन में नेताओं और सार्वजनिक व्यक्तियों की जिम्मेदारी। इस मुद्दे पर मीडिया और समाज में बहुत सी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं, जिससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या इस तरह के विचारों के जरिए किसी महिला और उसके व्यक्तिगत फैसलों को सार्वजनिक रूप से निशाना बनाना उचित है।