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कांग्रेस द्वारा छत्तीसगढ़ वासियों की मारीच और शकुनी से तुलना अक्षम्य अपराध:अरुण साव

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन द्वारा हिन्दुत्व और मामा को लेकर की गई टिप्पणी को छत्तीसगढ़ की भावनाओं का घोर अपमान बाताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है और कहा कि तुष्टीकरण की गंदी राजनीति में आकंठ लिप्त कांग्रेस अब हिन्दुत्व और रिश्तों की मर्यादा पर भी कीचड़ उछालकर अपना राजनीतिक चरित्र प्रदर्शित कर रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा क कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन ने छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर ‘मामा’ को लेकर जो टिप्पणी की है, वह भगवान राम के ननिहाल और उनके छत्तीसगढ़ स्थित सभी मामाओं का घोर अपमान है। प्रभु श्रीराम को छत्तीसगढ़ में भांजे के रूप में पूजा जाता है और छत्तीसगढ़वासी स्वयं को प्रभु श्रीराम का मामा कहलाने में गर्व अनुभव करते हैं। प्रमोद कृष्णन को यदि यह पता होता कि छत्तीसगढ़ में मामा अपने भांजों का चरण स्पर्श करते हैं और भांजों से कभी चरण स्पर्श नहीं कराया जाता, तो ‘मामा’ को लेकर वे यूं विष नहीं उगलते। प्रमोद कृष्णन ने मारीच और शकुनि की चर्चा करके छत्तीसगढ़ के सभी मामाओं और छत्तीसगढ़वासियों का अपमान किया है। श्री साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मामाओं के अपमान के लिए कांग्रेस नेताओं को पूरे छत्तीसगढ़ से बिना शर्त क्षमा याचना करनी चाहिए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि आज कांग्रेस अगर हिन्दुत्व की बात करने पर विवश है तो यह भाजपा की ही वैचारिक जीत है। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हिन्दुत्व की बपौती तय कर लें, क्योंकि उनके पिता इस संबंध में विचार स्पष्ट है। राहुल गांधी हिन्दू और हिन्दुत्व को एक नहीं मानते, भारत को एक राष्ट्र नहीं मानते, लोकसभा में जिस कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री ने देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का बताकर तुष्टीकरण की सबसे खराब मिसाल पेश की थी, जिस कांग्रेस के पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने खुद को ‘एक्सीडेंटल हिन्दू’ बताकर महात्मा गांधी की अवमानना की थी, वह कांग्रेस आज हिन्दुत्व के रास्ते पर होने और महात्मा गांधी के सबसे बड़ा हिन्दू होने का दंभ किस मुंह से भर रही है? जिस कांग्रेस की पूर्व प्रधानमंत्री ने गौरक्षा कानून की मांग कर रहे साधु-संतों पर संसद भवन के सामने गोलियाँ बरसाई, धर्मांतरण के एजेंडे में बाधक साधु-संतों और शंकराचार्यों पर जुल्म ढाए, आतंकवादियों को ‘श्रीमान’ और ‘जी’ कहकर हिन्दू संस्कृति पर लगातार प्रलाप करते रहे हों, हिन्दू आतंकवाद जैसे जुमले गढ़ते रहे हों, वह कांग्रेस हिन्दुत्व को ‘भाजपा-विहिप की बपौती नहीं’ कहकर क्या साबित करना चाह रही है? हिन्दुत्व की बात करने से पहले प्रमोद कृष्णन को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से तो पूछ लेना था, जिनके पिता हिन्दू संस्कृत और सनातन देवी-देवाओं पर गाहे-बगाहे अनर्गल और भड़काऊ टिप्पणियां करते रहे हैं? क्या हिन्दुत्व ऐसी कांग्रेस, ऐसे कांग्रेस नेताओं व उनके परिजनों की बपौती है?

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