छत्तीसगढ़ के इस स्कूल के बच्चों ने कॉपी-किताबों को किया CM आवास में जमा, बोले-अब बच्चे बीनेंगे गोबर
महासमुंद जिले के अमलोर हाई स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने की वजह से पालकों और स्कूली बच्चों ने मुख्यमंत्री निवास रायपुर पहुंचकर स्कूल बैग और पुस्तक कॉपी को जमा कर दिया है।
रायपुर : महासमुंद जिले के अधिकांश स्कूलों में इन दिनों शिक्षकों का अभाव है। यही कारण है कि आए दिन स्कूल के बच्चे और पालकगण कलेक्ट्रेट पहुंचकर स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण स्कूल की पढ़ाई प्रभावित होने की बात कहते आ रहे हैं, लेकिन सोमवार तो बच्चों और पालकगण का सब्र का घड़ा फूट गया और बच्चों के साथ पालकों ने राजधानी रायपुर मुख्यमंत्री निवास कूच कर दिया। साथ ही स्कूल बैग, पुस्तक-कॉपी मुख्यमंत्री निवास में जमा कर शिक्षक की मांग कर रहे हैं।
दरअसल पूरा मामला महासमुंद जिले के अमलोर हाईस्कूल का है। जहां 9 वीं और दसवीं की कक्षाएं लगती है। स्कूल में 100 से अधिक बच्चे अपनी भविष्य गढ़ने यानी पढ़ाई करने आते हैं। शिक्षा की बदहाल व्यवस्था इस कदर हावी है कि पिछले 6 साल पहले खुले इस हाई स्कूल में केवल एक प्राचार्य हैं। 10 वीं के बच्चों की बोर्ड परीक्षा होती है। ऐसे में पालकों को अपने बच्चों की भविष्य की चिंता सता रही है।
पालकों ने स्थानीय स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी, कलेक्टर, विधायक, प्रभारी मंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री तक आवेदन देकर समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन सिस्टम के कान में अब तक जूं तक नहीं रेंगा है। सोमवार को मजबूर होकर अमलोर हाई स्कूल के बच्चे और पालक रायपुर मुख्यमंत्री निवास पहुंचे हैं।
पालक मुकेश कुमार सेन ने बताया कि रायपुर मुख्यमंत्री निवास शिक्षक मांग करने पहुंचे हुए हैं। कई वर्ष हो गए स्कूल में बच्चों को कोई पढ़ाने वाला नहीं है। स्कूल में केवल एक प्रिंसिपल हैं, वे अपना काम करतीं हैं। हमारा गांव देहात इलाके में है। सिरपुर से 7-8 किमी. आगे गांव है। सरकार शिक्षक व्यवस्था नहीं करेगी तो बच्चों से गोबर बिनवाएंगे और 2 रुपए किलो में सरकार के पास बेचेंगे।
अमलोर गांव की महिला नितला ध्रुव ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक मांगने मुख्यमंत्री निवास आए हैं। हाई स्कूल अमलोर के शिवानी ध्रुव ने बताया कि हमारे स्कूल में केवल प्रिंसिपल हैं और कोई शिक्षक नहीं है। अभी मैं 10 वीं कक्षा में हूं, बोर्ड परीक्षा होगा लेकिन पढ़ाई के लिए कोई शिक्षक नहीं है।अभी खुद से ही पढ़ाई कर रहे हैं।
वहीं सरकार की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया की शाम तक शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी। जिसके बाद बच्चे महासमुंद वापस लौट गए।