गुरु घासीदास जयंती पर मुख्यमंत्री साय का समाज को एकजुट रहने का संदेश
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के अवसर पर उनके योगदान और संदेशों को याद करते हुए कहा कि बाबा घासीदास जी एक महान संत थे, जिन्होंने ‘मनखे-मनखे एक समान’ का अनुपम संदेश दिया। उनका यह विचार आज भी मानवता को जोड़ने और समाज को समानता की दिशा में प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री ने यह बातें सतनामी कल्याण समिति कोरबा द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गुरु घासीदास जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। इस मौके पर उन्होंने करीब 90 लाख रुपये की लागत से बने सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया और सतनामी समाज के लिए रियायती दर पर जमीन आबंटन की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने गुरु पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी सरकार बाबा घासीदास के विचारों पर चलते हुए छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को शिक्षा, उद्योग और समाज कल्याण के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं, जिसमें छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए दिल्ली में यूपीएससी तैयारी के लिए ट्राइबल हॉस्टल की स्थापना की योजना शामिल है।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में समाज को शिक्षा, उद्यम और सरकारी योजनाओं के लाभ लेने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि बाबा घासीदास जी के संदेश समाज को शिक्षा और औद्योगिक विकास की ओर ले जाने में सहायक हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने सरकार की नई नीतियों जैसे शिक्षा नीति, उद्योग नीति और गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्हें हर वर्ग के लिए लाभकारी बताया। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने वादा किया था कि किसानों और गरीबों के हित में धान खरीदी, तेंदूपत्ता पारिश्रमिक, महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता और अन्य कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा, और वह कार्य प्रगति पर हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बाबा गुरु घासीदास की तपोभूमि गिरौदपुरी को तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने के कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में इसकी नींव रखी गई थी, और अब इसे और विकसित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित कई गणमान्य लोगों ने जैतखाम की पूजा और ध्वजारोहण में भाग लिया। मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का सतनामी समाज के पदाधिकारियों द्वारा चांदी का मुकुट और गजमाला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान बाबा गुरु घासीदास के तैलचित्र और पुष्प अर्पित किए गए। मुख्यमंत्री ने सालिक निर्मल दिवाकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘मां की चाहत’ का विमोचन भी किया।
इस मौके पर खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री दयालदास बघेल और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। दोनों मंत्रियों ने समाज को उद्योग-धंधे के क्षेत्र में आगे बढ़ने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। उद्योग मंत्री ने घोषणा की कि क्षेत्र में भव्य डोम निर्माण के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है, जो आने वाले दिनों में तैयार होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बाबा गुरु घासीदास के संदेश को अपनाने और उनके विचारों पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने भरोसा जताया कि उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ विकास और सामाजिक समरसता की दिशा में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।