“गुड गवर्नेंस रीजनल कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री साय ने उठाया बड़ा कदम, नई योजनाओं की घोषणा”
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर में ‘‘गुड गवर्नेंस’’ पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए ‘‘मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना’’ की शुरुआत की घोषणा की। इस योजना के तहत, छत्तीसगढ़ सरकार, आईआईएम रायपुर के सहयोग से, राज्य के मूलनिवासी छात्रों के लिए पब्लिक पॉलिसी और गवर्नेंस में मास्टर पाठ्यक्रम शुरू करेगी। छात्रों का चयन कैट परीक्षा के माध्यम से होगा और इस पाठ्यक्रम के तहत उन्हें छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों में व्यवहारिक अनुभव भी प्राप्त होगा।
राज्य सरकार पाठ्यक्रम की पूरी फीस वहन करेगी और छात्रों को मासिक स्टायफंड भी प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य राज्य में गवर्नेंस सुधार, प्रशासन में दक्षता और पारदर्शिता लाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के युवाओं को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है, जिससे एक नई पेशेवर पीढ़ी तैयार हो सके जो गवर्नेंस के क्षेत्र में सुधार के लिए काम करे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सम्मेलन में उपस्थित अधिकारियों और विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए राज्य के सुशासन प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें विभिन्न ई-प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन सिस्टम्स का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री ने राज्य की सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए पर्यटन, औद्योगिक विकास और कृषि विस्तार के अलावा, राज्य की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी आर्थिक विकास के संसाधन के रूप में पहचाना है।
मुख्यमंत्री ने बस्तर और सरगुजा जैसे जनजातीय क्षेत्रों में विकास की विशेष योजना के बारे में भी बताया। इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं, और कांगेर वेली के गांव धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व के चुनिंदा 20 गांवों में शामिल करने के बाद, राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए सुविधाएं और आधारभूत ढांचे के विकास पर जोर दिया है।
इस सम्मेलन में, मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने बुनियादी ढांचे, सड़कों, रेल परियोजनाओं, और हवाई सेवाओं के विस्तार में भी महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में सुशासन की स्थापना के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की और बताया कि कैसे ई-ऑफिस, मुख्यमंत्री ऑनलाइन पोर्टल, सिंगल विंडो सिस्टम जैसे अनेक डिजिटल कदम उठाए गए हैं, जो नागरिकों के लिए सरकारी सेवाओं को और अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य की जीएसडीपी को 2028 तक 5 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा है, और इसके लिए राज्य सरकार ने विभिन्न नीतियों और योजनाओं को गति दी है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी छत्तीसगढ़ के सुशासन प्रयासों की सराहना की और कहा कि सुशासन का मतलब पारदर्शिता और जवाबदेही है, साथ ही यह सुनिश्चित करना कि सरकारी योजनाएं हर नागरिक तक पहुंचें।
कार्यक्रम के समापन पर, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने सुशासन पर आधारित ई-बुक ‘‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’’ का विमोचन किया, जो सुशासन के सर्वोत्तम अभ्यास, नागरिक सशक्तिकरण और सार्वजनिक सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में किए गए प्रयासों को प्रदर्शित करती है।
