“छत्तीसगढ़: रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा का निलंबन, विभागीय लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप”
रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख ने विभागीय कार्यों में लापरवाही और अनियमितताओं के चलते वनमंडल मोहला में पदस्थ रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कठोर निर्णय रेंजर सिन्हा द्वारा काष्ठ पातन डिपो परिवहन योजना में लापरवाही बरतने, वनोपज की गुणवत्ता खराब होने के कारण राज्य के राजस्व में भारी क्षति होने, और भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत लिया गया है।
सिन्हा पर आरोप है कि उन्होंने अग्नि प्रहरी के प्रमाणकों को जारी करने के लिए पैसे की मांग की और विभागीय कार्यों में अव्यवस्था पैदा की। इसके अलावा, अतिक्रमण और बेदखली की कार्यवाही के दौरान वह अपने अधीनस्थों से सहयोग नहीं ले रहे थे, जिसके कारण विभागीय कार्यों में गंभीर रुकावटें आईं।
वनमंडलाधिकारी मोहला द्वारा रेंजर सिन्हा को कई बार समझाईश दी गई, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत कार्यवाही करते हुए, प्रकरण की जांच के आधार पर उन्हें दोषी पाया और निलंबित करने का आदेश दिया। यह कार्यवाही विभागीय अनुशासन और शासकीय कार्यों के प्रति समर्पण को सुनिश्चित करने के लिए की गई है।
इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि छत्तीसगढ़ सरकार वन विभाग में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बनाए रखने के लिए कड़ी नजर रखे हुए है और किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रेंजर सिन्हा के खिलाफ की गई यह कार्रवाई विभागीय अनुशासन को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।