छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ED की छापेमारी पर कवासी लखमा का दावा- राजनीतिक साजिश के तहत की जा रही कार्रवाई

रायपुर:  छत्तीसगढ़ के चर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाले के संदर्भ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को राज्य के कई स्थानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश लखमा, और उनसे जुड़े अन्य व्यक्तियों के ठिकानों पर जांच की गई। ED के अधिकारियों ने लगभग 15 घंटे तक इन स्थानों पर जांच की, और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया। इसके अलावा, कवासी लखमा, उनके बेटे और कुछ अन्य व्यक्तियों को समन भी जारी किए गए हैं। छापेमारी के अगले दिन, कवासी लखमा ने मीडिया से बातचीत में इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ED के अधिकारियों ने उनके और उनके बेटे के मोबाइल फोन जब्त किए हैं और शराब घोटाले के बारे में पूछताछ की। लखमा ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और कहा कि विधानसभा में उन्होंने बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया था, जिस कारण उनके खिलाफ ED ने यह कार्रवाई की।

लखमा ने अपने घर से किसी प्रकार के कागजात मिलने की बात को नकारते हुए यह दावा किया कि उनकी प्रतिष्ठा को प्रभावित करने के लिए यह छापेमारी की गई है। उनका कहना था कि छत्तीसगढ़ में होने वाले आगामी चुनावों को देखते हुए भाजपा जानबूझकर उनकी छवि को धूमिल करने के लिए इस तरह की कार्रवाइयों का सहारा ले रही है। कवासी लखमा ने खुद को अनपढ़ बताते हुए कहा कि उन्हें दस्तावेजों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी और वे केवल अधिकारियों द्वारा लाए गए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते थे। लखमा के अनुसार, अधिकारियों द्वारा लाए गए सभी कागजों को खुद पढ़ा और लिखा जाता था, और उनका इसमें कोई संलिप्तता नहीं थी।

इस बयान के बाद, लखमा ने सवाल उठाया कि क्या वाकई उनके खिलाफ कोई ठोस आधार है या फिर यह कार्रवाई राजनीतिक दबाव के तहत की जा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनका नाम और छवि राजनीतिक विरोधियों द्वारा असमान्य रूप से नष्ट करने की साजिश के तहत लिप्त किया गया है। उनका कहना था कि यह मामला एक साजिश है जिसका मकसद उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करना है।