चैंपियंस ट्रॉफी विवाद: पुरस्कार समारोह में PCB की अनदेखी, बोर्ड ने जताई आपत्ति

कराची आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले के बाद पुरस्कार वितरण समारोह को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से आधिकारिक विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है, क्योंकि टूर्नामेंट के पुरस्कार समारोह में पीसीबी के किसी भी प्रतिनिधि को मंच पर नहीं बुलाया गया। फाइनल मुकाबले में भारत ने न्यूजीलैंड को हराकर 12 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया, लेकिन ट्रॉफी वितरण के दौरान पीसीबी के सीईओ और टूर्नामेंट निदेशक सुमैर अहमद सैयद को मंच से दूर रखा गया।

इस पूरे मामले पर पीसीबी के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने नाराजगी जाहिर की और आईसीसी के स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया। आईसीसी ने दावा किया कि उसने नकवी के मंच पर आने की योजना बनाई थी, लेकिन उनके फाइनल में न आने के कारण योजना में बदलाव करना पड़ा। हालांकि, पीसीबी का कहना है कि इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान पाकिस्तान को मेजबान देश के रूप में कई अनदेखियों का सामना करना पड़ा, जिनमें भारत और बांग्लादेश के बीच हुए मैच के लाइव प्रसारण में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का लोगो बदलना और लाहौर में ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड मैच के दौरान भारतीय राष्ट्रगान बज जाना शामिल था।

इस विवाद के बीच पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर ने भी अपनी नाखुशी जाहिर की और इसे पाकिस्तान क्रिकेट की अनदेखी बताया। पीसीबी का कहना है कि आईसीसी को इस तरह की लापरवाहियों पर ध्यान देना चाहिए और उचित सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए।

वहीं, पुरस्कार वितरण समारोह में बीसीसीआई के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने भारतीय खिलाड़ियों को सफेद कोट और मैच अधिकारियों को पदक प्रदान किए, जबकि आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने विजेता टीम को ट्रॉफी सौंपी। मंच पर न्यूजीलैंड क्रिकेट के सीईओ रोजर टूसे और बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया भी मौजूद थे, लेकिन पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिनिधि नहीं था।

इसके बावजूद, पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने टूर्नामेंट की सफलता को लेकर अपनी संतुष्टि व्यक्त की और अपनी टीम, सुरक्षा एजेंसियों, प्रांतीय सरकारों, आईसीसी अधिकारियों और अन्य सहयोगियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की सफल मेजबानी करने पर गर्व है और यह आयोजन क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार साबित हुआ। अब देखना होगा कि पीसीबी के विरोध के बाद आईसीसी इस पूरे मामले पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या कोई आधिकारिक बयान जारी किया जाता है।