चीन की बढ़ती आक्रामकता पर कनाडा की संसदीय समिति की चेतावनी, तकनीकी सहयोग पर तत्काल रोक की मांग
ओटावा: कनाडा-चीन संबंधों पर कनाडा की संसदीय समिति की एक हालिया रिपोर्ट में चीन की विदेशों में बढ़ती आक्रामकता, हस्तक्षेप, और जासूसी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन न केवल अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है, बल्कि उसने वैश्विक शक्ति बनने के लिए 2049 तक सबसे उन्नत सैन्य ताकत बनने का भी लक्ष्य रखा है। यह आक्रामकता और वैश्विक प्रभुत्व की महत्वाकांक्षा उन क्षेत्रों में भी देखी जा रही है जहां चीन संवेदनशील तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्रों में अपने प्रभाव को बढ़ा रहा है।
रिपोर्ट में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार से आग्रह किया गया है कि वह चीन के साथ चल रहे सभी संवेदनशील तकनीकी अनुसंधान सहयोग को तुरंत समाप्त करे। रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि इन सहयोगों के कारण चीन को कनाडा की संवेदनशील तकनीक और अनुसंधान सामग्री तक पहुंच प्राप्त हो रही है, जो देश की सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर रही है। समिति का मानना है कि चीनी प्रतिभा प्रबंधन कार्यक्रम (टैलेंट मैनेजमेंट प्रोग्राम) के माध्यम से बीजिंग संवेदनशील तकनीकी और शोध क्षेत्र में कनाडा के संसाधनों का इस्तेमाल कर सकता है, जिससे कनाडा की सुरक्षा और स्वतंत्रता पर खतरा पैदा हो सकता है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ट्रूडो सरकार पीएचएसी (कनाडा की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी) के दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रही है, जबकि हाउस ऑफ कॉमन्स की विशेष समिति ने कई बार इन दस्तावेजों को मांगा था। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन ने कुछ खतरनाक वायरस तक भी पहुंच बनाई है, जिससे भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य खतरों की संभावना बनी हुई है।
समिति ने अनुशंसा की है कि कनाडा सरकार चीन के संस्थानों और व्यक्तियों के साथ संवेदनशील तकनीकी अनुसंधान, जैसे उन्नत डिजिटल बुनियादी ढांचा, ऊर्जा प्रौद्योगिकी, हथियार प्रणाली, एयरोस्पेस और उपग्रह प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), रोबोटिक्स, और क्वांटम साइंस जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान साझेदारी तुरंत समाप्त करे। यह कदम इसलिए भी आवश्यक बताया गया है, ताकि कनाडा अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत कर सके और संभावित खतरों से सुरक्षित रह सके।
इसके अतिरिक्त, समिति ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी सहित चीन से जुड़े अन्य संस्थानों की निगरानी बढ़ाने और सुरक्षा मूल्यांकन प्रक्रियाओं को तेज करने का सुझाव दिया है। यह कदम इसलिए जरूरी बताया गया है, ताकि कनाडा के भीतर किसी भी प्रकार के अवांछनीय हस्तक्षेप को रोका जा सके और चीन द्वारा किए जा रहे संभावित खतरों का मुकाबला किया जा सके।