भाजपा ने बागियों पर कसा शिकंजा, अध्यक्ष पद के प्रत्याशी सहित 8 पार्षद उम्मीदवारों को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर किया

रायपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नगरीय निकाय चुनाव 2025 में पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने वाले बागी उम्मीदवारों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए एक नगर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी और आठ पार्षद प्रत्याशियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। भाजपा की यह कार्रवाई पार्टी अनुशासन को बनाए रखने और अधिकृत प्रत्याशियों के समर्थन को सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

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बलरामपुर में बागी प्रत्याशी नरेश खलखो पर सबसे पहले गिरी गाज

भाजपा ने बलरामपुर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नरेश खलखो पर सबसे पहले कड़ा कदम उठाया और उन्हें 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया। नरेश खलखो को पार्टी से बाहर करने के फैसले के साथ ही भाजपा ने स्पष्ट कर दिया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अन्य 8 पार्षद प्रत्याशियों पर भी कार्रवाई

अध्यक्ष पद के बागी प्रत्याशी के साथ-साथ 8 अन्य पार्षद प्रत्याशियों को भी निष्कासन की गाज झेलनी पड़ी। भाजपा की ओर से निष्कासित किए गए पार्षद उम्मीदवारों में विभिन्न नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों के नाम शामिल हैं:

  1. बलरामपुर नगर पालिका परिषद
    • वार्ड 7: रिमी कुमारी
    • वार्ड 12: अमित गुप्ता (मन्टू)
  2. रामानुजगंज नगर पालिका परिषद
    • वार्ड 7: राकेश कश्यप
  3. वाड्रफनगर नगर पंचायत
    • वार्ड 9: सुरेश साकेत
  4. कुसमी नगर पंचायत
    • वार्ड 10: राहुल गुप्ता
  5. राजपुर नगर पंचायत
    • वार्ड 9: प्रभात रंजन त्रिपाठी
    • वार्ड 11: सहदेव भगत
    • वार्ड 15: जानकी देवी

भाजपा का संदेश: अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं

भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। पार्टी की नीतियों और अनुशासन के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ने वालों को भविष्य में भी कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

भाजपा के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि पार्टी निकाय चुनावों में संगठनात्मक एकता बनाए रखने के लिए कोई भी कड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि जो उम्मीदवार भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनाव लड़ेंगे, उनके खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस निष्कासन के बाद भाजपा के बागी उम्मीदवारों के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं, पार्टी समर्थकों का कहना है कि इस निर्णय से संगठन के प्रति निष्ठा रखने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा।