दिल्ली चुनाव से पहले बड़ा बवाल: आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आतिशी समेत कई नेताओं पर FIR दर्ज

नई दिल्ली :  दिल्ली में विधानसभा चुनाव से महज एक दिन पहले कालका जी विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक माहौल गरमा गया। देर रात तक इस इलाके में हंगामा, झड़प और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर मारपीट, कैश बांटने और मतदाताओं को प्रभावित करने के आरोप लगाए। इसी बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री और AAP नेता आतिशी पुलिस स्टेशन पहुंचीं और BJP कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग झुग्गी बस्तियों में जाकर वोटरों को धमका रहे थे और चुनावी माहौल को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे।

पुलिस ने आतिशी पर ही दर्ज कर दिए दो मामले!

हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम के बाद स्थिति और उलझ गई, जब दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री आतिशी और आप कार्यकर्ताओं के खिलाफ ही दो एफआईआर दर्ज कर दी। पुलिस के अनुसार, ये दोनों मामले सरकारी काम में बाधा डालने और चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े हुए हैं।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली चुनाव प्रचार का समय एक दिन पहले समाप्त हो गया था, लेकिन इसके बावजूद देर रात तक कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अलग-अलग क्षेत्रों में प्रचार करते देखे गए। इसी क्रम में सबसे ज्यादा हंगामा कालका जी क्षेत्र में हुआ, जो मुख्यमंत्री आतिशी की विधानसभा सीट भी है।

आतिशी ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने गोविंदपुरी थाने में BJP कार्यकर्ताओं द्वारा झुग्गीवासियों को धमकाने की शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने उल्टा उनके खिलाफ ही FIR दर्ज कर दी। पुलिस का कहना है कि आतिशी और उनके समर्थक रात 12:30 बजे करीब 50-70 लोगों के साथ फतेह सिंह मार्ग पर पहुंचे थे। जब पुलिस ने उन्हें आचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुए वहां से जाने के लिए कहा, तो उन्होंने आदेश को मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद चुनाव आयोग की शिकायत पर पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।

दूसरा मामला: पुलिस पर हमले और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप

दिल्ली पुलिस ने एक अन्य मामला भी दर्ज किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि AAP समर्थकों ने सरकारी काम में बाधा डाली और पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की। इस घटना को लेकर आतिशी के समर्थकों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया।

भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के भतीजे पर भी कार्रवाई, लेकिन क्या कार्रवाई हुई?

इस पूरे विवाद के बीच भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के भतीजे मनीष बिधूड़ी पर भी रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। आरोप था कि उनकी गाड़ी में संदिग्ध सामान मिला था, हालांकि जांच के बाद उसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया।

आतिशी ने चुनाव आयोग पर लगाए पक्षपात के आरोप

इस घटना के बाद आतिशी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने पूछा कि जब उन्होंने पुलिस से शिकायत की, तो उल्टा उनके खिलाफ ही केस क्यों दर्ज किया गया?

आतिशी ने कहा,
“दिल्ली में चुनाव आयोग और पुलिस किसके इशारे पर काम कर रहे हैं? भाजपा के नेता खुलेआम नियम तोड़ रहे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। मैंने जब पुलिस को शिकायत दी, तो मेरे ही खिलाफ एफआईआर हो गई। आखिर चुनावी प्रक्रिया की धज्जियां और कितनी उड़ाई जाएंगी?”

क्या आगे होगा?

  • चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल: AAP ने चुनाव आयोग पर भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है, जिससे यह मुद्दा और गरमा सकता है।
  • पुलिस की कार्रवाई पर सवाल: क्या पुलिस सच में निष्पक्षता से काम कर रही है, या AAP के आरोप सही हैं?
  • BJP और AAP का आमना-सामना: इस घटना के बाद चुनाव के दिन सियासी हलचल और बढ़ सकती है।
  • क्या आतिशी को राहत मिलेगी? अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट और चुनाव आयोग इस मामले में क्या फैसला लेते हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कालका जी में हुई इस राजनीतिक उठा-पटक ने माहौल गरमा दिया है। चुनाव से महज एक दिन पहले हुई इस घटना ने AAP और BJP के बीच टकराव को और बढ़ा दिया है। अब देखना होगा कि क्या चुनाव आयोग इस मामले में कोई कदम उठाता है, या फिर इसे महज एक राजनीतिक विवाद मानकर टाल दिया जाएगा।