संसद में बड़ा ऐलान: भारत में विमान निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार बनाएगी विशेष प्रयोजन वाहन (SPV), केंद्रीय उड्डयन मंत्री ने दी अहम जानकारी

 नई दिल्ली:  भारत अब विमान निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि सरकार क्षेत्रीय परिवहन विमान के निर्माण के लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) स्थापित करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में विमानों और उनके घटकों के निर्माण के लिए आवश्यक नीतिगत ढांचा पहले से मौजूद है, जो देश को इस उद्योग में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करता है।

नायडू ने कहा कि भारत अब उस स्थिति में पहुंच चुका है, जहां वह न केवल विमान डिजाइन और निर्माण कर सकता है, बल्कि उनके रखरखाव और ओवरहालिंग (MRO – मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल) गतिविधियों में भी अग्रणी बन सकता है। सरकार का उद्देश्य देश में विमान निर्माण को बढ़ावा देना है, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी और स्थानीय विमानन उद्योग को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें राज्य सरकारें भी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।

गौरतलब है कि भारत दुनिया के सबसे तेजी से विकसित हो रहे नागरिक उड्डयन बाजारों में से एक है। घरेलू एयरलाइंस ने लगातार बढ़ती हवाई यातायात मांग को पूरा करने के लिए 1,500 से अधिक विमानों का ऑर्डर दिया है। इस बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार अब एक समग्र दृष्टिकोण के साथ विमानन उद्योग के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसमें विशेष रूप से क्षेत्रीय परिवहन विमान निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। मंत्री ने बताया कि सरकार अगले पांच वर्षों के लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है, जिसमें सभी प्रमुख हितधारकों को शामिल किया जाएगा और एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया जाएगा।

इसके अलावा, विमान निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कुशल मानव संसाधन तैयार करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नायडू ने बताया कि देश में वर्तमान में 58 फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (FTO) कार्यरत हैं, जहां नए पायलटों और तकनीकी विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही, सरकार विमान घटकों के स्वदेशी निर्माण के लिए एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर जोर दे रही है।

इस दिशा में स्वदेशी 19-सीटर लाइट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सारस एमके2 के विकास का कार्य भी तेजी से जारी है। यह विमान भारत में विकसित किया जा रहा है और इसके सफल संचालन से घरेलू विमान निर्माण उद्योग को एक नई पहचान मिलेगी। सारस एमके2 का उद्देश्य देश में क्षेत्रीय परिवहन विमानन सेवाओं को मजबूती देना और छोटे शहरों को वायु परिवहन नेटवर्क से जोड़ना है।

सरकार की इस पहल से न केवल देश में विमान निर्माण उद्योग को गति मिलेगी, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी बेहद फायदेमंद साबित होगा। इससे हजारों नए रोजगार सृजित होंगे और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम होगी। आने वाले वर्षों में भारत अपने विमानन उद्योग को और मजबूत बनाकर दुनिया के प्रमुख विमान निर्माता देशों में अपनी पहचान स्थापित करने की ओर अग्रसर है।