कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में भूपेश बघेल का तीखा बयान: “सत्ता का लाभ सभी ने लिया, मुझे बोलने पर मजबूर न करें!”
रायपुर: रायपुर में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट की मौजूदगी में आयोजित कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में गहमागहमी देखने को मिली। इस बैठक के दौरान कांग्रेस की हार और संगठन की स्थिति को लेकर वरिष्ठ नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई। खासतौर पर उस समय माहौल गरमा गया जब पार्टी के वरिष्ठ नेता धनेन्द्र साहू ने कांग्रेस की हार के कारणों पर अपनी राय रखते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई, जिससे पार्टी का जनाधार कमजोर हुआ। जैसे ही उन्होंने यह बात रखी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भड़क उठे और तीखे शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए सभी ने मलाई खाई है और इस पर सवाल उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्होंने सीधे तौर पर कहा, “कौन-कौन से नेता और कार्यकर्ता लाभ उठाते रहे हैं, मेरा मुंह न खुलवाओ।”
भूपेश बघेल की इस कड़ी टिप्पणी के बाद बैठक में कुछ क्षण के लिए सन्नाटा छा गया और धनेन्द्र साहू को अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने तत्काल माफी मांगते हुए आगे कोई विवाद बढ़ाने से परहेज किया। हालांकि, इस heated discussion के बीच कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने पूरे मामले को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पार्टी का हर नेता अपने-अपने पद की जिम्मेदारी निभाते हुए संगठन को मजबूत करने में लगा रहे, और यह चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कल कौन रहेगा और कौन नहीं। उन्होंने पार्टी नेताओं को सलाह दी कि व्यक्तिगत मतभेदों को भुलाकर कांग्रेस को फिर से मजबूती देने के लिए एकजुट होकर काम करें।
इस बैठक से यह साफ संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान अभी भी बरकरार है और हार के बाद नेताओं के बीच आपसी मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। सचिन पायलट के हस्तक्षेप के बावजूद बैठक में जिस तरह की बयानबाजी हुई, उससे यह स्पष्ट हो गया कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के भीतर की गुटबाजी फिलहाल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि, अब देखना यह होगा कि पार्टी इस अंदरूनी कलह को कैसे संभालती है और आगामी चुनावों में अपनी रणनीति को किस तरह मजबूत करती है।