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जंग के बीच चर्चा का विषय बना रूसी टैंकों पर बने Z के निशान

कीव। यूक्रेन में कहर बरपा रही रूसी सेना के वाहनों पर बना ‘Z’ का निशान चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, सभी सैन्य वाहनों पर एक जैसा Z नहीं है. कुछ पर Z सीधा लिखा है और कुछ पर इसे एक त्र‍िकोण में लिखा गया है। सोशल मीडिया पर इसके अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं। हालांकि, अब तक रूस की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।

रूस का समर्थन करने वालों के बीच Z का ये निशान बेहद लोकप्रिय हो गया है। वो Z छपी टी-शर्ट पहन रहे हैं, अपने वाहनों पर इसका स्टिकर लगा रहे हैं। रिसर्च ग्रुप ‘द विल्सन सेंटर’ से जुड़े कामिल गालेव  का कहना है कि कुछ लोग Z का अर्थ ज़ा पोबेडी (जीत के लिए) बता रहे हैं, जबकि कुछ इसकी Zapad यानी वेस्ट के रूप में व्याख्या कर रहे हैं। हालांकि, अन्य जानकारों का मानना है कि रूसी सेना के वाहनों पर Z इसलिए प्रिंट किया गया है, ताकि युद्ध के मैदान में सैनिकों से अपने वाहनों को पहचानने में कोई चूक न हो।

पिछले महीने, डिफेंस थिंक टैंक RUSI के पूर्व निदेशक प्रोफेसर माइकल क्लार्क ने स्काई न्यूज को बताया कि था ये प्रतीक किसी यूनिट या वाहनों की लोकेशन के बारे में बताते हैं। ‘Z’को पहली बार 22 फरवरी को डोनेट्स्क क्षेत्र में प्रवेश करने वाले रूसी वाहनों पर देखा गया था। कई ट्वीट में यह भी दावा किया गया है कि इसका मतलब  Infantries से है। वहीं, ‘इंडिपेंडेंट’ के अनुसार, जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा किया था तब भी उसके सैन्य वाहनों पर Z का निशान दिखाई दिया था।

वहीं, रूसी डिफेंस पॉलिसी की पढ़ाई कर रहे स्‍टूडेंट रॉब ली ने भी इस बारे में ट्वीट किया है। उनका कहना है कि यह एक तरह का रेड फ्लैग होता है। यह निशान उन वाहनों पर लगाया जाता है जिनमें कैदियों को ले जाया जाता है। आमतौर पर बेल्गोरॉड इलाके में ऐसी गाड़ियों पर Z का निशान दिखता है।

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