“महालक्ष्मी हत्या मामले में सहकर्मी का बर्बर कत्ल, डायरी में दर्ज की गई दरिंदगी की दास्तान”

Mahalakshmi murder case:  बंगलूरू में 21 सितंबर को महालक्ष्मी नाम की 29 वर्षीय महिला की हत्या का मामला सामने आया, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। इस भयावह हत्या का खुलासा तब हुआ जब महालक्ष्मी की मां और बहन ने उसके घर में दुर्गंध महसूस की। जब उन्होंने ताला खोला, तो फ्रीजर के अंदर महालक्ष्मी के शरीर के 50 से ज्यादा टुकड़े मिले, जो एक जघन्य अपराध की कहानी बयां कर रहे थे। यह हत्या बंगलूरू के विनायक लेआउट में हुई, जहां महालक्ष्मी अपने पति हेमंत दास से अलग होकर रह रही थीं।

हत्या का खुलासा और आरोपी की पहचान

महालक्ष्मी का मोबाइल 2 सितंबर को बंद हो गया था, जिसके बाद से उसका कोई संपर्क नहीं हुआ। पुलिस ने जब मामले की गहन जांच शुरू की, तो कई संदिग्धों की पहचान की गई, जिनमें मुख्य आरोपी मुक्ति राजन भी शामिल था। मुक्ति, जो महालक्ष्मी के साथ काम करता था, परिजनों द्वारा संदिग्ध माना गया। यह हत्या दिल्ली में हुए श्रद्धा वाकर केस की तरह थी, जिसने लोगों को स्तब्ध कर दिया।

मुक्ति राजन ने, जो घटना के बाद से भागा हुआ था, अंततः ओडिशा में आत्महत्या कर ली। उसकी आत्महत्या से पहले मिली डायरी में उसने लिखा कि उसने 3 सितंबर को महालक्ष्मी की हत्या की थी। सुसाइड नोट में राजन ने स्पष्ट किया कि महालक्ष्मी के साथ निजी मामलों को लेकर झगड़ा हुआ था, जिससे उसे गुस्सा आया और उसने हत्या कर दी। इस नोट में हत्या के बाद के चरणों का भी जिक्र था, जिसमें उसने महालक्ष्मी के शरीर को 59 टुकड़ों में काटकर फ्रीजर में रखने की बात कही।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कई टीमें गठित कीं और संदिग्धों से पूछताछ की। जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि महालक्ष्मी के घर में कई उंगलियों के निशान थे, जिससे यह संकेत मिला कि हत्या एक से अधिक लोगों द्वारा की गई हो सकती है। बंगलूरू पुलिस कमिश्नर ने इस जघन्य अपराध के आरोपी को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए, लेकिन उससे पहले ही मुक्ति ने आत्महत्या कर ली।

सुसाइड नोट में मिली जानकारी

राजन के सुसाइड नोट ने न केवल उसकी मानसिक स्थिति को उजागर किया, बल्कि हत्या की वजह भी स्पष्ट की। उसने लिखा, “मैंने महालक्ष्मी की हत्या इसलिए की क्योंकि वह मुझसे पैसे मांग रही थी और हमारे बीच झगड़ा हुआ था।” इस तरह की जानकारी ने हत्या के पीछे के कारणों को और अधिक जटिल बना दिया।

इस हत्याकांड ने बंगलूरू में सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण पर एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। पुलिस को अब यह समझने की जरूरत है कि जब आरोपी ने आत्महत्या कर ली है, तो हत्या के पीछे की पूरी कहानी और किसके इर्द-गिर्द घूमती है। महालक्ष्मी के परिवार को न्याय दिलाने के लिए पुलिस अब नए सबूत और गवाहों की तलाश कर रही है।

महालक्ष्मी हत्याकांड ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य, रिश्तों की जटिलता और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने की जरूरत है। इस जघन्य अपराध के पीछे की सच्चाई की तलाश में पुलिस और समाज को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।