तिरुपति बालाजी मंदिर का महाअनुष्ठान से किया गया शुद्धिकरण, भक्त कर सकते है दर्शन
नई दिल्ली | आंधप्रदेश के तिरुपति तिरुमला मंदिर के प्रसाद वाले लड्डू को लेकर कुछ दिनों से काफी विवाद छिड़ा हुआ है, जिसको लेकर कई लोगों ने गुस्सा जाहिर किया | कहा जा रहा है कि मंदिर के प्रसाद वाले लड्डू को बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवर की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट की गई है, जिसके बाद पवित्रता को बनाए रखने के लिए तिरुमला मंदिर की यज्ञशाला में वैखानस आगम के सिद्धांतों के मुताबिक एक ‘शुद्धिकरण’ अनुष्ठान, शांति होम किया गया, जिसको लेकर मंदिर एक पुजारीओं ने सोमवार को सुबह 6 से 10 बजे तक चले पंचगव्य प्रोक्षण (शुद्धिकरण) में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी समेत 20 पुजारी शामिल हुए। अनुष्ठान में लड्डू और अन्नप्रसादम रसोई की पंचगव्य शुद्धि की गई।
पुजारी बोले- अब मंदिर पूरी तरह शुद्ध, प्रसाद घर ले जा सकते हैं मंदिर के मुख्य पुजारियों में से एक कृष्ण शेषाचल दीक्षितुलु कहते हैं, “सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई कि मंदिर को शुद्ध करने के लिए क्या किया जाए। इसलिए, हम शांति होम करने के प्रस्ताव के साथ प्रबंधन के पास गए। सुबह 6 बजे हम सभी भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद और अनुमति लेने के लिए गर्भगृह में गए। अब सब कुछ शुद्ध हो गया है, मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि उन्हें अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। भगवान बालाजी के दर्शन करें और प्रसाद घर ले जाएं।”
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वही आंध्र के सीएम CM चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP ने 18 सितंबर को आरोप लगाया कि राज्य में YSR कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले लड्डू (प्रसादम्) में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया गया था। इसके अगले दिन TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा किया। इधर, श्री ललिता पीठम, वशिष्ठाश्रम, श्रीनिवास मंगापुरम में विश्व हिंदू परिषद बैठक चल रही है। इस बैठक में मंदिरों को सरकारी कंट्रोल से आजादी दिलाने और धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर भी चर्चा की जा रही है।राज्य सरकार ने तिरुपति मंदिर के लड्डुओं की जांच के लिए SIT बना दी है। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि SIT की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।