बालाघाट: नक्सलियों से संघर्ष में हॉकफोर्स का जवान जख्मी, पुलिस का घेराबंदी ऑपरेशन

बालाघाट:  मध्यप्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में रविवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में हॉकफोर्स का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना जिले के थाना रूपझर के कुंदुल जंगल क्षेत्र की है, जहां हॉकफोर्स और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान चला रही थी।

17 नवंबर को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने कुंदुल पहाड़ी के घने जंगलों में नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया। ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों का सामना 12-15 सशस्त्र नक्सलियों से हुआ। नक्सलियों ने पुलिस बल को देखकर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। उनकी मंशा पुलिस को गंभीर नुकसान पहुंचाने की थी।

हॉकफोर्स और एसओजी के जवानों ने साहसिक जवाबी कार्रवाई करते हुए नक्सलियों पर फायरिंग की। इस मुठभेड़ में हॉकफोर्स के आरक्षक शिवकुमार शर्मा घायल हो गए। उन्हें दाहिने कान के पास गोली लगी। घटना के तुरंत बाद घायल जवान को बेहतर इलाज के लिए महाराष्ट्र के गोंदिया शहर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। बालाघाट आईजी संजय सिंह ने बताया कि जवान की हालत अब खतरे से बाहर है।

सुरक्षा बलों की जवाबी फायरिंग से नक्सली घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गए। पुलिस ने तुरंत घटनास्थल को घेर लिया और नक्सलियों की खोजबीन के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में सुरक्षा बलों की सतर्कता और बढ़ा दी गई है।

बालाघाट: नक्सलियों की पुरानी गतिविधियों का केंद्र

बालाघाट मध्यप्रदेश का सबसे अधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। कुंदुल जंगल और उसके आसपास के इलाकों में नक्सलियों की गतिविधियां लंबे समय से देखी जाती रही हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों की सक्रियता के चलते नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आई थी। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर इस क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी को उजागर किया है।

घटनास्थल और सर्च ऑपरेशन

घटना के बाद पुलिस ने पूरे कुंदुल जंगल क्षेत्र को घेर लिया है और नक्सलियों के ठिकानों की तलाश के लिए सघन तलाशी अभियान चला रही है। सुरक्षा बलों ने स्पष्ट किया है कि नक्सलियों को पकड़ने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

इस मुठभेड़ के संबंध में थाना रूपझर में नक्सलियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने पुष्टि की है कि नक्सलियों को पकड़ने के लिए भविष्य में भी इस तरह के ऑपरेशन जारी रहेंगे।

सुरक्षा बलों की बहादुरी की मिसाल

यह घटना सुरक्षा बलों के साहस और तत्परता का परिचायक है। जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना नक्सलियों का सामना किया और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्पर रहे। घायल जवान शिवकुमार शर्मा का इलाज जारी है, और उनकी बहादुरी को सलाम किया जा रहा है।

बालाघाट की यह घटना यह दर्शाती है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की सक्रियता और नक्सलियों के खिलाफ सख्ती अभी भी जारी है। इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बल और सतर्क हो गए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। जनता ने भी इस बहादुरी की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता जल्द ही बहाल होगी।