पाक नौसेना की बढ़ती ताकत पर नेवी चीफ का तंज, कहा- लोगों की भलाई से ज्यादा हथियारों की चिंता

नई दिल्ली :  भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान नौसेना की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए नौसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में सरकार और नौसेना के समर्पण को रेखांकित किया।

एडमिरल त्रिपाठी ने पाकिस्तान की नौसेना की बढ़ती ताकत पर हैरानी जताते हुए कहा कि, “पाकिस्तान की नौसेना तेजी से विस्तार कर रही है और वह 50 जहाजों वाली नौसेना बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है। हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने अपने नागरिकों की भलाई को नजरअंदाज कर हथियारों पर ध्यान केंद्रित किया है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

भारतीय नौसेना का आधुनिकीकरण और नई परियोजनाएं
एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान में देश में 62 युद्धपोत और एक पनडुब्बी निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, नौसेना को 31 और युद्धपोतों और प्रोजेक्ट-75 के तहत छह नई पनडुब्बियों की आवश्यकता है। उन्होंने 60 यूटिलिटी हेलीकॉप्टरों की जरूरत का भी उल्लेख किया। साथ ही, उन्होंने आश्वस्त किया कि कई जहाज निर्माणाधीन हैं और अगले साल तक एक नया जहाज नौसेना में शामिल हो जाएगा।

परमाणु पनडुब्बियों और लंबी दूरी की मिसाइलों पर फोकस
एडमिरल त्रिपाठी ने भारत में बन रही दो नई परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भारत में विकसित हो रहे अत्याधुनिक हथियारों और तकनीकों पर बढ़ते आत्मविश्वास का प्रतीक है। उन्होंने हाल ही में आईएनएस अरिघात से लंबी दूरी की परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल के सफल परीक्षण का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि परीक्षण के परिणाम उत्साहजनक रहे हैं और विशेषज्ञ इसके आंकड़ों का गहन विश्लेषण कर रहे हैं।

नौसेना की तैयारियों पर जोर
एडमिरल ने बताया कि नौसेना आधुनिक तकनीक और सामरिक क्षमताओं को अपनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि सरकार ने अगस्त में आईएनएस अरिघात को नौसेना में कमीशन किया, जो भारत की परमाणु शक्ति को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाएगी।

राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति समर्पण
एडमिरल त्रिपाठी ने भारतीय नौसेना की तैयारियों को लेकर भरोसा जताते हुए कहा कि भारतीय समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए नौसेना हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने नौसेना में आधुनिक तकनीक और स्वदेशी उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में उठाए गए कदमों पर जोर दिया।

यह प्रेस वार्ता भारत की सामरिक क्षमताओं और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। एडमिरल त्रिपाठी का दृष्टिकोण न केवल भारतीय नौसेना को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारत की गंभीरता को भी प्रकट करता है।