रायपुर। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा है कि प्रदेश के नामी रविशंकर विश्वविद्यालय की कुर्की शर्मनाक और चिंतनीय हैं। प्रदेश में शिक्षा के मंदिर की इस प्रकार कुर्की हो रही है। वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार की गाड़ियां जब्त हो रही हैं। साथ ही विश्वविद्यालय के चल-अचल संपत्ति की कुर्की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इससे प्रतीत होता है की प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ में बच्चों और युवाओं को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रति सोच तक नहीं रखती हैं तो उनका भविष्य क्या सुधारेंगे। दिल्ली में गुणवत्ता शिक्षा के केजरीवाल मॉडल की नक़ल कर रंग रोगन और चार कमरे ,टाइल्स आदि लगाने बस से कुछ नहीं होता अरविन्द केजरीवाल की तरह नीयत और पूरे शिक्षा तंत्र के खाके को भी ठीक करना पड़ेगा ।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2004-05 में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। किसानों को जमीन का कम मुआवजा दिया गया। यह जमीन शासन ने रविवि को दी। कुछ वर्षों बाद 31 किसान जमीन का मुआवजा कम मिलने को लेकर कोर्ट चले गए। 2017 में कोर्ट से यह निर्णय दिया कि किसानों का और मुआवजा दिया जाए। किन्तु अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला।मुआवजा देना प्रदेश सरकार का कार्य है उन्हे किसानों को तुरंत मुआवजा देना चाहिए और रविशंकर विश्वविद्यालय को बदनाम और युवाओं के शिक्षा मंदिर का बचाव करना चाहिए। जिस विश्वविद्यालय का नाम पूरे देश में प्रतिष्ठित है। सरकार के पास छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े विश्वविद्यालय के लिए 30 करोड़ खर्च करने के लिए नहीं है। यदि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन अगले कुछ दिनों में इस समस्या का हल नहीं निकालती है तो इस विश्वविद्यालय की छवि ख़राब होगी।
पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय की कुर्की शर्मनाक और चिंतनीय, भूपेश सरकार की बड़ी विफलता : कोमल हुपेंडी
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