असदुद्दीन ओवैसी का भाषण विवाद: रैली में मंच से मिला पुलिस नोटिस, जानें क्यों हुआ AIMIM अध्यक्ष कानूनी शिकंजे में
सोलापुर: महाराष्ट्र में चुनावी माहौल के बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी विवादों में घिर गए हैं। महाराष्ट्र के सोलापुर में एक चुनावी रैली के दौरान, ओवैसी को पुलिस ने मंच पर ही नोटिस थमा दिया। पुलिस द्वारा जारी यह नोटिस भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 168 के तहत दिया गया, जिसमें ओवैसी को चेतावनी दी गई है कि वह अपने भाषण में किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत न करें और भड़काऊ टिप्पणियों से बचें।
रैली के दौरान यह नोटिस मराठी भाषा में दिया गया था, लेकिन ओवैसी ने इसे अंग्रेजी में मांगा। इसके बाद पुलिस ने उनके अनुरोध पर अंग्रेजी में भी नोटिस भेज दिया। मंच पर इस नोटिस को लेकर ओवैसी ने अपने अंदाज में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “नोटिस सिर्फ दूल्हे भाई को ही आता है। मोहब्बत सिर्फ भाईजान से ही है, क्या करें।” यह कहते हुए ओवैसी ने नोटिस का मजाक भी उड़ाया।
भड़काऊ भाषण और 15 मिनट की टिप्पणी पर विवाद
ओवैसी के भाषण का एक हिस्सा उस “15 मिनट” की टिप्पणी को लेकर था जो पहले उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने 2012 में एक रैली में दी थी। इस टिप्पणी में अकबरुद्दीन ने कहा था कि अगर 15 मिनट के लिए देश से पुलिस हटा दी जाए, तो पता चल जाएगा कि असली ताकतवर कौन है। असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण में इस टिप्पणी का संदर्भ लेकर इसे मजाकिया अंदाज में उठाया और फिर समय की ओर इशारा करते हुए कहा, “चुनावी रैली करते हुए 15 मिनट हो गए हैं।” उनके इस बयान ने फिर से 15 मिनट के मुद्दे को चर्चा में ला दिया।
महाराष्ट्र चुनाव में AIMIM की भागीदारी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM भी सक्रिय रूप से भाग ले रही है और 16 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। इसी संदर्भ में असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी राज्य में प्रचार अभियान चला रहे हैं। उनके चुनावी भाषणों में कई बार वे अन्य राजनीतिक नेताओं से टकराते भी देखे गए हैं। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ ओवैसी की वाकयुद्ध भी चल रही है, जिससे दोनों के बीच राजनीतिक टकराव और बढ़ गया है।
कानूनी चेतावनी का प्रभाव
इस नोटिस के जरिये ओवैसी को उनके भाषणों के दौरान संयम रखने का इशारा किया गया है। पुलिस ने मंच से ही नोटिस देकर स्पष्ट कर दिया है कि उनके भाषण में कोई भी भड़काऊ बयान दिया गया तो कानून के तहत उन पर कार्यवाही की जाएगी। ओवैसी की यह रैली सोलापुर मध्य विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार फारूक शाब्दी के समर्थन में आयोजित की गई थी।
मामले का सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
इस विवाद ने राजनीतिक माहौल को और भी गरम कर दिया है, और विभिन्न दलों में AIMIM के भाषणों को लेकर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। ओवैसी के समर्थकों ने इसे उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश बताया है, जबकि विरोधियों का कहना है कि ऐसे भड़काऊ भाषण माहौल को खराब कर सकते हैं।