तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले असदुद्दीन ओवैसी: ‘बीफ चर्बी’ के आरोपों पर दिया तीखा जवाब
तिरूपति लड्डू विवाद पर ओवेसी:
तिरुपति बालाजी मंदिर के ‘लड्डू प्रसादम’ में बीफ और सूअर की चर्बी मिलाने के आरोपों के बीच विवाद तेजी से बढ़ रहा है। इस सनसनीखेज मामले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओवैसी ने इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अगर तिरुपति लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी मिलाने के आरोप सही हैं, तो यह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि धार्मिक आस्था और मान्यताओं से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए, और अगर ऐसा हुआ है, तो यह निंदनीय है। ओवैसी ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
तिरुपति लड्डू विवाद उस वक्त सुर्खियों में आया, जब आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने YSRCP सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासनकाल में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। नायडू का दावा है कि उनकी सरकार ने अब इस पवित्र प्रसाद में शुद्ध घी का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इस विवाद ने हिंदू समुदाय की धार्मिक आस्थाओं को झकझोर कर रख दिया है, और इस मामले में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है।
ओवैसी ने इस मौके पर वक्फ बोर्ड और वक्फ संशोधन बिल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी एक प्राइवेट प्रॉपर्टी है और इसके निर्णय लेने का अधिकार सरकार के बजाय मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के पास होना चाहिए। उन्होंने बीजेपी पर वक्फ संपत्तियों के बारे में गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार वक्फ को खत्म करने की साजिश कर रही है।
इस विवाद के बीच, तिरुपति लड्डू प्रसादम के मुद्दे ने देशभर में बहस छेड़ दी है, और इसे लेकर धार्मिक संगठनों, राजनीतिक दलों और आम जनता की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस मामले में जांच जारी है, और सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि आगे क्या निष्कर्ष निकलता है और आरोपों की सच्चाई क्या है।