असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। उनके निधन से भारत ने एक अद्वितीय नेता और प्रखर अर्थशास्त्री को खो दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा करने के लिए 1991 में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की थी, जो देश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। उनकी अर्थशास्त्र में गहरी समझ और राजनीतिक बुद्धिमत्ता ने उन्हें 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में सफल बनाया।
उनके निधन की खबर सुनकर देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें एक ऐसा प्रधानमंत्री बताया, जिन्होंने भारतीय समाज के हाशिए पर पड़े समुदायों, विशेष रूप से मुस्लिमों, के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण काम किए। ओवैसी ने यह भी कहा कि उनका योगदान भारतीय राजनीति में बेमिसाल रहेगा और वह उन चुनिंदा नेताओं में से थे, जिन्होंने अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों के लिए कार्य किया।
डीएमके सांसद कनिमोझी ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन को एक राष्ट्रीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने भारतीय संसद को अपनी विनम्रता और समर्पण से प्रभावित किया और भारतीय अर्थव्यवस्था को आर्थिक संकट से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कनिमोझी ने उन्हें एक कुशल और दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया, जिनकी आर्थिक नीतियों ने देश को समृद्धि की ओर अग्रसर किया और आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में उनका योगदान अतुलनीय रहेगा।
डॉ. मनमोहन सिंह की यात्रा एक प्रेरणा थी एक ऐसा आदमी, जो विभाजन के बाद शरणार्थी के रूप में भारत आया और अपनी कठिन मेहनत और ईमानदारी से सफलताओं की बुलंदियों तक पहुंचा। वह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर, वित्त मंत्री, और अंततः प्रधानमंत्री बने। उनकी उपलब्धियों ने उन्हें भारत के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक बना दिया।
उनके निधन से भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में आई अपूरणीय क्षति को पूरे देश ने महसूस किया। उनकी बेजोड़ विद्वत्ता, सादगी और कुशल नेतृत्व भारतीय संसदीय परंपराओं का अभिन्न हिस्सा बन गए थे। उनके योगदान को देश कभी नहीं भुला सकेगा, और उनका आदर्श आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा।