अरशद वारसी का फैसला: अब किसी भी फिल्म या अभिनेता की आलोचना नहीं करेंगे

बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी हाल ही में विवादों में घिरे रहे हैं, जब उन्होंने तेलुगु सुपरस्टार प्रभास की आगामी फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ में उनके किरदार को ‘जोकर’ कहकर आलोचना की। इस टिप्पणी के बाद से अभिनेता को सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना और नफरत का सामना करना पड़ा। अब, अरशद ने स्पष्ट किया है कि वह भविष्य में किसी फिल्म या अभिनेता की आलोचना नहीं करेंगे, और उन्होंने सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों पर भी अपनी राय रखी है।

एक साक्षात्कार में, अरशद ने अपनी बेपरवाही का इज़हार किया और कहा कि वह सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोलिंग से परेशान नहीं होते, क्योंकि वह खुद को एक सकारात्मक व्यक्ति मानते हैं। उन्होंने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो यह ठीक है। हर किसी का अपना नजरिया होता है। यह एक लोकतांत्रिक देश है, और इसमें सभी को बोलने की अनुमति है।” उनका मानना है कि सकारात्मक सोच रखने वाले व्यक्ति के लिए नकारात्मक टिप्पणियां परेशान करने वाली नहीं होतीं। उन्होंने आगे बताया, “हालांकि, हम ऐसी जगह पर हैं, जहां पत्थर फेंके जाते हैं, इसलिए यह अब मुझे परेशान नहीं करता है।”

हालांकि, विवाद के बाद अरशद ने अपने कुछ इंस्टाग्राम पोस्ट के कमेंट सेक्शन को बंद कर दिया है। उन्होंने हंसते हुए कहा, “मैंने तय कर लिया है कि मैं जो भी फिल्म देखूंगा, उसे पसंद करूंगा। मैं अपनी बाकी की जिंदगी में हर एक्टर को पसंद करूंगा।” उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

अरशद ने यूट्यूबर समदीश भाटिया के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि ‘कल्कि 2898 एडी’ में प्रभास का किरदार एक कैरिकेचर के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे वह निराश हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “प्रभास, मैं वाकई बहुत दुखी हूं। उन्हें जोकर की तरह क्यों दिखाया गया? क्यों? मैं मैड मैक्स देखना चाहता हूं। मैं मेल गिब्सन देखना चाहता हूं। आपने इसे क्या बना दिया है?” इसके बावजूद, उन्होंने उसी फिल्म में अमिताभ बच्चन के अभिनय की सराहना की, यह दिखाते हुए कि उनकी आलोचना का उद्देश्य केवल फिल्म के कंटेंट तक सीमित था, न कि व्यक्तिगत हमलों तक।

अरशद का यह बयान न केवल उनकी खुद की सोच को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वह किस प्रकार की नकारात्मकता से खुद को दूर रख रहे हैं। ऐसे में, उनकी यह सोच उनके प्रशंसकों और सहयोगियों के लिए एक प्रेरणा हो सकती है कि कैसे आलोचना को सकारात्मकता में बदला जाए।