संध्या सिंह
दुर्ग। बस्तर के विभिन्न नक्सली इलाकों से महिलाओ को लाकर रोजगार मूलक ट्रेनिंग दी जा रही है और बस्तर की महिलाए इन वस्तुओं को बनाकर स्वालम्बी बन रही है।
छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार बस्तर के सुदूर क्षेत्रों से जिस तरीके से आदिवासियों को जोड़ने का प्रयास कर रही है उसी से प्रेरित होकर दुर्ग जिले में एक अभिनव पहल की जा रही है जहां कोंडागांव से लड़कियों को लाकर यहां रोजगार मूलक ट्रेनिंग दि जा रही है जिसकी शुरुआत वनवासी विकास समिति की महिला शाखा की रेखा देशपांडे के द्वारा कि जा रही है दुर्ग जिले में यह पहली कोशिश है जहां इन बच्चियों को सुदूर बस्तर के क्षेत्रों से लाकर यहां स्वयं के खर्चे पर रखकर उनको बैग पर्स जूट के बैग सहित विभिन्न ट्रेनिंग दी जाती है।
जिससे वे अपने क्षेत्र में जाकर वहां ट्रेनिंग देकर एवं इन प्रोडक्ट को बनाकर रोजगार प्राप्त कर सके वही इन के बनाए गए प्रोडक्ट को समिति द्वारा बाजार भी उपलब्ध कराया जा रहा है जो कि एक अच्छी और सराहनीय पहल नक्सल इलाको से दुर्ग पहुंची महिलाओ द्वारा विभिन्न प्रकार की वस्तुएं बनाई जा रही और इन वस्तुओं को बनाकर ये महिलाए स्वालम्बन की तरफ कदम बढ़ा रही है।