मॉरीशस में पर्यावरण संरक्षण की मिसाल: प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत किया पौधारोपण

 मॉरीशस:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा ऐतिहासिक और कूटनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पहल कीं, जिनमें से एक ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत सर शिवसागर रामगुलाम बॉटनिकल गार्डन में एक पौधा रोपण भी शामिल है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी, जिसका प्रभाव अब वैश्विक स्तर पर देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले गुयाना में भी इसी पहल के तहत एक पौधा लगा चुके हैं। उनके निरंतर प्रयासों के कारण इस अभियान के अंतर्गत भारत में 1 अरब से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं, जिससे पर्यावरण संतुलन और हरित क्षेत्र के विस्तार में बड़ा योगदान मिला है। इस पहल का प्रभाव अब भारत की सीमाओं को पार कर चुका है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 136 से अधिक देशों में फैल चुका है, जहां 27,500 से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। यह पहल न केवल पर्यावरण सुरक्षा का प्रतीक है बल्कि भावनात्मक रूप से भी मां के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक अद्भुत जरिया बन गई है।

प्रधानमंत्री मोदी का मॉरीशस दौरा राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। दो दिवसीय यात्रा के दौरान जब वे पोर्ट लुईस पहुंचे, तो सर शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। भारतीय मूल के लोगों ने उनका पारंपरिक तरीके से अभिनंदन किया और ‘गीत गवई’ नामक बिहारी सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से अपनी खुशी और सम्मान व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए लिखा कि मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा किया गया स्वागत उन्हें गहराई से प्रभावित कर गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों से उनका गहरा जुड़ाव प्रेरणादायक है।

मॉरीशस में भारतीय संस्कृति का गहरा प्रभाव है, क्योंकि यहां की 70% से अधिक आबादी भारतीय मूल की है, जिनके पूर्वज 19वीं सदी में गिरमिटिया मजदूर के रूप में वहां पहुंचे थे। यही कारण है कि भोजपुरी भाषा, भारतीय त्योहारों, परंपराओं और रीति-रिवाजों का प्रभाव मॉरीशस में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि मॉरीशस में भारतीय भाषाओं और संस्कृति को जिस तरह से सहेजा और संवारा गया है, वह गौरव का विषय है।

इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस खास अवसर पर भारतीय नौसेना का एक जहाज और भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी भी समारोह में भाग लेगी। यह दर्शाता है कि भारत और मॉरीशस के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग कितना गहरा है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा, शिक्षा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, पर्यावरण और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद की जा रही है। यह यात्रा न केवल भारत और मॉरीशस के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक नेतृत्व क्षमता को भी उजागर कर रही है।