पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच इमरान खान की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सेना प्रमुख से की मुलाकात, सियासी गतिरोध समाप्त करने की कवायद तेज

इस्लामाबाद:  पाकिस्तान में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच, जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने अपनी पार्टी की ओर से सेना और सरकार के साथ चल रही बातचीत की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी। इमरान खान ने रावलपिंडी की अदियाला जेल से पत्रकारों के जरिए पुष्टि की कि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की और मौजूदा राजनीतिक तनाव को खत्म करने के लिए बातचीत को प्राथमिकता दी है।

इमरान खान ने बताया कि यह मुलाकात पीटीआई की मांगों को सीधे सेना प्रमुख के समक्ष रखने और समाधान तलाशने के उद्देश्य से की गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता गौहर अली खान और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने पेशावर में जनरल मुनीर से मुलाकात कर पार्टी की सभी प्रमुख मांगें प्रस्तुत कीं। गौहर अली ने इस मुलाकात को सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि उनके मुद्दों को गंभीरता से लिया गया है।

पार्टी की प्रमुख मांगें और मुद्दे पीटीआई की ओर से सरकार और सेना के समक्ष कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गईं, जिनमें नौ मई 2023 और 26 नवंबर 2024 को हुए विरोध प्रदर्शनों की जांच के लिए न्यायिक आयोगों की स्थापना की मांग प्रमुख है। इसके अलावा, उन्होंने राजनीतिक कैदियों को जमानत, सजा में छूट, और बरी करने की प्रक्रिया को जल्द लागू करने का भी आग्रह किया। पार्टी ने सरकार से इन मांगों को सात दिनों के भीतर लागू करने की मांग की है।

सत्तारूढ़ सरकार के साथ वार्ता का दौर जारी यह तीसरी बार था जब पीटीआई और सरकार के बीच राजनीतिक तनाव को कम करने के लिए वार्ता हुई। नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक की अध्यक्षता में हुई इस वार्ता में पीटीआई के छह नेताओं और सरकार के आठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विपक्ष का नेतृत्व उमर अयूब, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर, असद कैसर, सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के प्रमुख हामिद रजा, मजलिस वहदत-ए-मुस्लिमीन के प्रमुख राजा नासिर अब्बास जाफरी और पीटीआई के महासचिव सलमान अकरम राजा ने किया। वहीं, सरकार की ओर से उप प्रधानमंत्री इशाक डार, सीनेटर इरफान सिद्दीकी, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता राजा परवेज अशरफ और नवीद कमर सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

इमरान खान का स्पष्ट रुख इमरान खान ने सेना और सरकार के साथ अपने विचार साझा करते हुए कहा कि वह किसी भी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है, “मैं नवाज शरीफ नहीं हूं, जो जेल से बाहर आने के लिए सेना से समझौता करेंगे। मैं भ्रष्टाचार नहीं करूंगा और अपने देश के लिए मरने को तैयार हूं।” उन्होंने आरोप लगाया कि जेल में उनके और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि कई पीटीआई कार्यकर्ताओं को मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी गई हैं, और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से हस्तक्षेप की अपील की। साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान की बदहाल आर्थिक स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि बिना कानून का शासन और न्याय व्यवस्था के, देश कभी भी स्थिरता प्राप्त नहीं कर सकता।

आर्थिक अस्थिरता पर चिंता पूर्व प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश को आर्थिक और राजनीतिक संकट से बाहर निकालने के लिए आवश्यक है कि सियासी तनाव कम हो और कानूनी प्रणाली मजबूत की जाए। उन्होंने विदेशी निवेश में गिरावट, बेरोजगारी में बढ़ोतरी और आम लोगों की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया।

वार्ता का महत्व विशेषज्ञों का मानना है कि इमरान खान की पार्टी और सरकार के बीच हो रही यह वार्ता पाकिस्तान के राजनीतिक वातावरण को स्थिर करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यदि सेना और सरकार दोनों इन मुद्दों पर सहमत होते हैं, तो यह पाकिस्तान के सियासी संकट को हल करने और विकास के रास्ते पर लौटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।