बिहार में चौतरफा विकास: पीएम मोदी ने दरभंगा में एम्स की आधारशिला रखकर की 12,000 करोड़ की परियोजनाओं की घोषणा
AIIMS Darbhanga: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के दरभंगा में एक ऐतिहासिक समारोह में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) की आधारशिला रखी, जिसका उद्देश्य उत्तर बिहार और आसपास के क्षेत्रों में उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुशासन के मॉडल को लेकर सराहना की और राज्य में उनकी पार्टी जेडी(यू) द्वारा लाए गए सकारात्मक बदलावों पर प्रकाश डाला। मोदी ने कहा कि एनडीए की “डबल इंजन सरकार” बिहार में चौतरफा प्रगति के नए द्वार खोल रही है, जिससे राज्य स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इस समारोह में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए जेडी(यू) और एनडीए की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने अपने नेतृत्व से राज्य को “जंगल राज” की चुनौतियों से बाहर निकाला है। उन्होंने कहा कि बिहार अब पुराने भ्रष्टाचार और अव्यवस्था से आगे बढ़कर एक नए युग की ओर अग्रसर है। मोदी ने पिछली सरकारों की भी आलोचना की, जो कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन के अधीन राज्य में विकास के प्रति उदासीनता और ढीले प्रशासन के लिए कुख्यात थीं।
नीतीश कुमार ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि दरभंगा में एम्स की स्थापना राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने याद किया कि इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए उन्होंने पहले दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली से अनुरोध किया था, और आज इस सपने के साकार होने पर खुशी जताई।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में झारखंड विधानसभा चुनावों का संदर्भ भी दिया, और आदिवासी राज्य के लोगों को बड़े स्तर पर मतदान में भाग लेने की प्रेरणा दी। उन्होंने केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि पिछली सरकारें केवल दिल्ली में एक कार्यात्मक एम्स तक सीमित रहीं, जबकि आज उनकी सरकार देश भर में दो दर्जन से अधिक एम्स स्थापित कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 1.5 लाख “आरोग्य मंदिरों” के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और चार करोड़ से अधिक लोग आयुष्मान भारत योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने बिहार की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए बताया कि मैथिली को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया और पाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि मिथिला क्षेत्र के प्रसिद्ध उत्पाद जैसे मखाना और मीठे पानी की मछलियों के निर्यात को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
मोदी ने सुपौल की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि अर्पित की और दरभंगा के पूर्व शासक कामेश्वर सिंह के योगदान को भी याद किया, जिनकी उदारता के चर्चे वाराणसी तक फैले हैं।
यह परियोजना केवल बिहार के लोगों के लिए नहीं, बल्कि पड़ोसी पश्चिम बंगाल और नेपाल के लोगों के लिए भी उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाओं का मार्ग खोलेगी, जिससे वे मुंबई या दिल्ली की बजाय दरभंगा में ही चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद थे।