“बीड में जबरन वसूली मामले पर अजित पवार की सख्त चेतावनी: ‘राजनीतिक हस्तक्षेप को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा”

 मुंबई: महाराष्ट्र के बीड जिले में बढ़ते जबरन वसूली के मामलों ने राज्य की राजनीति को एक बार फिर से गर्मा दिया है, खासकर सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद। बीते 9 दिसंबर को संतोष देशमुख की हत्या हुई, जब उन्होंने बीड में एक पवनचक्की कंपनी से जबरन वसूली रोकने की कोशिश की थी। इस हत्या के बाद कई सवाल उठने लगे हैं, और इसे लेकर राज्य सरकार के खिलाफ विवाद भी शुरू हो गया है। यह मामला अब महाराष्ट्र की राजनीति में एक तूल पकड़ चुका है, क्योंकि इस घटना में एनसीपी के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड का नाम भी सामने आया है, जिन्हें गिरफ्तार किया गया था।

सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की जांच में पता चला कि हत्या से पहले, एनसीपी के पूर्व तहसील प्रमुख विष्णु चाटे ने पवनचक्की कंपनी से 2 करोड़ रुपये की मांग की थी। चाटे ने कंपनी को धमकी दी थी कि अगर उसकी मांग पूरी नहीं की गई तो वह कंपनी का काम बंद कर देगा। इस मामले में अब तक सात लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, और इसे लेकर राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है।

इसी बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बीड जिले का दौरा किया और एनसीपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पवार ने चेतावनी दी कि पार्टी कार्यकर्ता विकास परियोजनाओं में किसी भी तरह के जबरन वसूली के प्रयासों में शामिल न हों और हमेशा स्वच्छ चरित्र बनाए रखें। उन्होंने कहा कि प्रशासन में किसी भी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर किसी भी कार्यकर्ता द्वारा ऐसी गतिविधियों का पता चलता है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें मकोका (महा आतंकवाद निरोधक कानून) के तहत सजा भी हो सकती है।

इसके साथ ही, अजित पवार ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर हथियार लहराते हुए पाया गया, तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। पवार ने अपने बयान में कानून के समानता पर जोर दिया और कहा कि बदलाव लाने के लिए यह आवश्यक है कि कानून सभी के लिए समान हो। उन्होंने यह भी बताया कि बीड जिले के विकास के संबंध में वह मुख्यमंत्री से सलाह लेंगे और उन मुद्दों पर चर्चा करेंगे जिन पर उनका अधिकार नहीं है।

यह मामला न केवल बीड जिले के बल्कि पूरे राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है। अजित पवार ने यह साफ किया कि यदि किसी को भी जबरन वसूली में लिप्त पाया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि राज्य में किसी प्रकार की अराजकता न फैले।