“एम्स-भुवनेश्वर के छात्र की आत्महत्या: मानसिक तनाव और पारिवारिक संकट के कारण युवक ने की आत्महत्या, जांच जारी”

भुवनेश्वर:  एम्स-भुवनेश्वर से एक दुखद घटना सामने आई है, जिसमें एक एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। असम के डिब्रूगढ़ निवासी 21 वर्षीय रत्नेश कुमार मिश्रा का शव बुधवार को उसके छात्रावास के कमरे में छत के पंखे से लटका हुआ मिला। यह घटना छात्र के लिए मानसिक तनाव और पारिवारिक आर्थिक तंगी के कारण हुई हो सकती है, यह पुलिस द्वारा की गई शुरुआती जांच का हिस्सा है। दिल दहला देने वाली बात यह है कि रत्नेश ने आत्महत्या करने से पहले अपने छोटे भाई को एक वॉयस नोट भेजा था, जिसमें उसने अपने पिता से अपील की थी कि वह अपनी जमीन न बेचें और अपने भाई से डॉक्टर बनने की इच्छा जताई, हालांकि उसने यह भी कहा कि वह असम में ही रहे।

पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, रत्नेश की मौत से एक दिन पहले, उसके पिता ने उसे फोन किया था, और संवाद के दौरान उन्होंने कोई असामान्यता महसूस नहीं की थी। मगर अगले दिन जब पिता को अपने बेटे से फिर से संपर्क नहीं हो पाया, तो वह चिंतित हो गए और छात्रावास पहुंचे। दरवाजे को खटखटाने के बाद जब कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने कुछ छात्रों की मदद से दरवाजा खोला और अपने बेटे का शव पाया। तुरंत ही रत्नेश को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

एम्स-भुवनेश्वर के निदेशक, डॉ. आशुतोष बिस्वास ने घटना के बाद छात्रावास का दौरा किया और दुखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की। इस मामले में पुलिस ने खंडगिरी थाना में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। रत्नेश की आत्महत्या से न केवल उसके परिवार को गहरी शोकसंतप्त किया, बल्कि इस घटना ने पूरे कॉलेज और मेडिकल समुदाय को सदमे में डाल दिया है। परिवार के लिए यह बहुत ही दर्दनाक समय है, और पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि वे इस मामले की हर पहलू से जांच करेंगे।